दिवाली के बाद दिल्‍ली में सांस लेना मुश्‍किल, खतरनाक श्रेणी तक पहुंचा प्रदूषण

Update: 2018-11-09 06:46 GMT

सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद दिवाली की रात दिल्ली वालों ने जमकर पटाखे जलाए। इसका नतीजा ये रहा कि दिल्‍ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गयी है। दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार सुबह भी धुंध छायी रही और कई इलकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 'खतरनाक' श्रेणी में बना हुआ है।

दिल्ली के आनंद विहार में शुक्रवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 585 रहा, अमेरिकी दूतावास के आसपास के इलाकों में 467 और आरके पुरम में 343 दर्ज किया गया। ये सभी आंकड़े खतरनाक श्रेणी में आते हैं। प्रदूषण के मद्देनजर शहर में ट्रकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई थी.



समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर 8 नवंबर रात 11 बजे से 11 नवंबर रात 11 बजे तक पाबंदी लगाई गई है। वहीं, ईपीसीए ने दिल्‍ली में डीजल से चलने वाले वाहन मालिकों से अनुरोध किया है कि तीन दिनों तक अपनी गाड़ी का इस्तेमाल न करें। साथ ही प्रदूषण को कम करने के लिए नॉर्थ दिल्‍ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने शुक्रवार की सुबह दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के आस पास के पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया।



बता दें, दिवाली की रात हवा की गुणवत्ता नापने का सूचकांक 328 तक पहुंच गया था, जोकि 50 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। वहीं, गुरुवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच गया, जो कि अभी कायम है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली में आम पटाखों की जगह 'ग्रीन पटाखों' का इस्‍तेमाल करने का आदेश दिया था। साथ ही पटाखे फोड़ने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक का निर्धारित किया था, लेकिन दिल्ली और एनसीआर में इस आदेश का उल्‍लंघन किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर दिल्ली पुलिस ने दिवाली की रात कुल 579 लोगों के खिलाफ धारा-188 के तहत केस दर्ज किया। इनमें 323 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।

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