पिछले पांच वर्षों में दिल्ली समेत कई राज्यों में बढ़े एसिड अटैक के मामले  

Update: 2017-03-25 13:10 GMT
सरकार लड़कियों की सुरक्षा के लिए कई योजनाए चला रही है, इसके बावजूद आज भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं।

अपरिमित पाण्डे

नई दिल्ली। सरकार लड़कियों की सुरक्षा के लिए कई योजनाए चला रही है, इसके बावजूद आज भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। लड़कियों के साथ होने वाले अपराधों पर लगाम नहीं लग पा रही है। दिल्ली में सोमवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है, यहां दो सगी बहनों पर एक युवक ने एसिड फेंक दिया, इस दौरान बेटियों को बचाने में पिता भी बुरी तरह झुलस गया। पीड़ित बेटियां दिल्ली के पश्चिम विहार की रहने वाली हैं।

खबरों के अनुसार ये घटना उस वक्त हुई जब वे शादी में जाने के लिए (रात को लगभग 10 बजे) तैयार हो रहीं थीं तो एक युवक उनके घर के आस-पास ताक झांक कर रहा था। जब दोनों ने इसका विरोध किया तो युवक गाली देते हुए भाग गया। उसके बाद जब वो शादी में शामिल होने के लिए घर से जा रहीं थी उसी वक्त युवक फिर वापस आया और दोनों बहनों पर एसिड फेक कर भाग गया। चीखें सुनने पर आस पड़ोस के लोग आए और तीनों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया जहां से उन्हें सफदरजंग अस्पताल के रेफर कर दिया गया। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ पर आरोपी ने बताया की वह बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है और दिल्ली के पास ख्याला में स्तिथ एक स्टील फैक्ट्री में काम करता है वहीं से उसने तेजाब चुराया था।
दिल्ली के पश्चिम विहार में हुई यह घटना कोई नई घटना नहीं है। एएसएफआई (एसिड सर्वाइवर फाउंडेशन इंडिया) के कांकड़ों पर अगर हम नज़र डालें तो देखने को मिलता है कि पिछले पांच वर्षों में एसिड अटैक के मामलों की क्या स्थिति रही है। दिल्ली में वर्ष 2012 से वर्ष 2015 के बीच में ऐसे मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। वर्ष 2015 दिल्ली में एसिड अटैक के 21 मामले सामने आए थे।

वर्ष 2012-2015 के बीच दिल्ली में हुए एसिड अटैक के मामले

वर्ष   -मामलो की संख्या

2012 -9

2013 -18

2014- 20

2015 -21


यूपी में पिछले छह वर्षों में एसिड अटैक के मामलों में हुई बढ़ोतरी एएसएफआई (एसिड सर्वाइवर फाउंडेशन इंडिया) के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पिछले 6 सालों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। बर्ष 2013 में यूपी में जहां एसिड हमलो की संख्या 18 थी वहीं 2014 में इनकी संख्या बढ़ कर के 43 हो गई जबकि 2015 सबसे ज्यादा 61 मामले सामने आए। हालांकि 2016 में हमलों की संख्या घट कर के 42 हो गई।

उत्तर प्रदेश में एसिड हमलों के मामले

वर्ष                               मामलो की संख्या

2012                                   11
2013                                   18
2014                                   43
2015                                   61
2016                                   42

पहले के कानून और अब के कानून में काफी बदलाव हुए है और कानून में हुए बदलाव के तहत ऐसिड अटैक करने के दोषियों को सख्त सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

  • आईपीसी की धारा-326 ए के तहत प्रावधान किया गया है कि अगर कोई शख्स किसी दूसरे पर ऐसिड से हमला करता है और इस वजह से उस शख्स के शरीर का अंग खराब होता है या जलता है, तो ऐसे शख्स का दोष साबित होने पर कम-से-कम 10 साल कैद और ज्यादा-से-ज्यादा उम्र कैद की सजा दी जा सकती है।
  • अटैक की शिकार महिला को इलाज और पुनर्वास के लिए 3 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान भी है।


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