उप्र के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 10,000 करोड़ रुपए बकाया, राज्यसभा सदस्य ने कहा- ब्याज सहित हो भुगतान

Update: 2019-07-08 11:45 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान अभी भी नहीं हो पाया है। जबकि प्रदेश की योगी सरकार ने कहा था कि सभी भुगतान 14 दिनों के अंदर किया जायेगा। मामला उस समय एक बार फिर प्रकाश में आ गया जब राज्यसभा में इसको लेकर सवाल पूछा गया।

सोमवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सपा के सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि 2018-19 में किसानों का चीनी मिलों पर 10,000 करोड़ रुपया बकाया है और मूल रकम पर इसका ब्याज करीब 2,000 करोड़ रुपए होता है। यह राशि किसानों को तत्काल दी जानी चाहिए। नागर ने कहा "एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती है। लेकिन गन्ना किसानों का बकाया ही अब तक नहीं दिया गया है तो आय दोगुना होना बहुत ही मुश्किल है।"

उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 42 चीनी मिलों पर किसानों का 5,000 करोड़ रुपए बकाया है। सपा सदस्य ने मांग की कि राज्य सरकार गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, ब्याज के साथ शीघ्र करे। उन्होंने कहा "यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों का भुगतान, निर्धारित 14 दिनों की अवधि के अंदर किया जाए।" विभन्नि दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

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इसी साल फरवरी में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदेशभर के गन्ना किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था। तब गांव कनेक्शन से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है।

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(भाषा से इनपुट)

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