लखनऊ। ''प्रदेश में 15 अगस्त से ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम लागू होना था। यह ठीक था, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन 31 जुलाई के बाद ही खातों से चेक से पेमेंट पर रोक लगा दी गई। ऐसे में पहले के किए हुए काम के पेमेंट भी रुक गए। वहीं, अब तक ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था को ठीक से लागू नहीं किया गया है। अब दो महीने होने आए हैं, लेकिन खातों से कोई पेमेंट नहीं हो पा रहा।''
यह बात पीलीभीत जिले के पिपरिया दुलई ग्राम पंचायत के प्रधान सुजीत सिंह कहते हैं। सुजीत जिस परेशानी से दो चार हो रहे हैं, कुछ ऐसी ही परेशानी से उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले के प्रधान जूझ रहे हैं। और इस वजह प्रदेश के गांवों में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में इसी साल एक शासनादेश जारी हुआ था, जिसके तहत 15 अगस्त से प्रदेश की 58,758 ग्राम पंचायतों में पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के द्वारा ऑनलाइन भुगतान की शुरुआत होनी थी। इसके लिए 31 जुलाई से ही ग्राम निधि के खाते से चेक के द्वारा पेमेंट पर रोक लगा दी गई। यह रोक तो लगा दी गई, लेकिन पंचायतों में ऑनलाइन पेमेंट का सिस्टम ठीक से लागू नहीं किया गया। इसकी वजह से अबतक (17 सितंबर) प्रदेश में मात्र 1164 पंचायतों में ऑन लाइन पेमेंट की शुरुआत हो पाई है।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह समस्या क्यों खड़ी हुई। इसके जवाब में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के माधवटांडा ग्राम पंचायत के प्रधान पति योगेश्वर सिंह बताते हैं, ''पहले ग्राम पंचायत के ग्राम निधि खाते से विकास कार्यों के लिए चेक के माध्यम से भुगतान किया जाता था। इस खाते का संचालन प्रधान और पंचायत सचिव के संयुक्त हस्ताक्षरों से होता था। जब ऑनलाइन व्यवस्था लागू करने की बात हुई तो ग्राम प्रधान और सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर वाले डोंगल बनाए जाने लगे। अभी यह चल ही रहा था कि 31 जुलाई को ग्राम निधि खाते से चेक के माध्यम से भुगतान पर रोक लगा दी गई। इस वजह से प्रधान पुराने काम का पेमेंट भी निकाल नहीं पाए और व्यवस्था खराब हो गई।''
''यह व्यवस्था लागू करने से पहले ग्राम प्रधानों को ट्रेनिंग देनी चाहिए थी, जिससे वो इस नई व्यवस्था के लिए तैयार रहते। साथ ही जब ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था की गई तो उसके लिए कंप्यूटर और नेट की व्यवस्था भी पंचायत भवनों में होनी चाहिए थी, लेकिन बिना तैयारी के यह सिस्टम लागू कर दिया गया और अब सब इससे परेशान हैं। इस वजह से गांव में विकास कार्यों पर पूरी तरह ब्रेक लगा हुआ है।'' - योगेश्वर सिंह कहते हैं
बात करें ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन सिस्टम लागू करने के मामले में अच्छे रिकॉर्ड की तो इसमें मिर्जापुर सबसे आगे है। मिर्जापुर में 48 ग्राम पंचायतें ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम के तहत काम कर रही हैं, हालांकि यहां कुल ग्राम पंचायतें 809 हैं तो यह आंकड़ा उसके सामने काफी कम है। इसी तरह सबसे कम की बात करें तो इसमें खीरी, रायबरेली और शामली जैसे जिले शामिल हैं, जहां सिर्फ 1-1 ग्राम पंचायत ने इस नई व्यवस्था को अपनाया है। ऐसे में ज्यादातर ग्राम पंचायतें इस नई व्यवस्था से प्रभावित हुई हैं और वहां विकास कार्य फिलहाल ठप पड़ा है।
संत कबीर नगर जिले के आजमपुर गांव के प्रधान प्रदीप कुमार मौर्या भी इस नई व्यवस्था से परेशान हैं। वो कहते हैं, ''ग्राम पंचायत के विकास के लिए प्रधान के पास दो खाते होते हैं, पहला राज्य वित्त, दूसरा 14वें वित्त का खाता। इन दोनों ही से चेक के द्वारा पेमेंट नहीं हो रहा है। यह दोनों ही नई डोंगल व्यवस्था (आनलाइन पेमेंट सिस्टम) की वजह से बंद पड़े हैं। क्योंकि न ही प्रधान को ट्रेनिंग दी गई, न ही पंचायत अधिकारियों को इसकी ट्रेनिंग दी गई। अब न खातों से पेमेंट हो पा रहा है और न ही ग्राम पंचायत के विकास का कोई कार्य हो पा रहा है।''
प्रदीप कुमार कहते हैं, ''इस व्यवस्था को लागू करने से पहले प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जाता तो बेहतर होता। अब भी प्रधानों को इसका प्रशिक्षण दिया जाए और जब लोगों को पूरी तरह से इसकी जानकारी हो जाए तो इसे लागू किया जाए।''
उत्तर प्रदेश में 1164 ग्राम पंचायतों में ऑन लाइन सिस्टम लागू भी हो गया है। ऐसे में इन पंचायतों के प्रधानों से भी हमने बात की। ऐसी ही एक ग्राम पंचायत है आगरा की मिढाकुर ग्राम पंचायत। यहां की प्रधान हैं भूरी देवी। भूरी देवी बताती हैं, ''डोंगल सिस्टम लग गया है, लेकिन उससे पेमेंट नहीं हो पा रहा। मेरी जानकारी में आया है कि कई लोगों के पेमेंट कैंसिल हो गए हैं।'' कुछ ऐसी ही दिक्कत अन्य ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने भी गांव कनेक्शन को बताई।
इस बारे में जब बाराबंकी के फतेहपुर ब्लॉक के बीडीओ हेमंत यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा, ''यह नई चीज है इसलिए प्रधानों को दिक्कत आ रही है। किसी खाते पर रोक नहीं लगाई है। बस चेक के माध्यम से पेमेंट नहीं होगा। इसके लिए ट्रेनिंग भी दी गई थी। प्रधान जल्द ही इसे सीख लेंगे। इससे व्यवस्था सही होगी।''
ग्राम पंचायतों में पारदर्शी ढंग से काम करने के लिए हम पी०एफ०एम०एस० (पब्लिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम) प्रणाली को अपना रहे है, जिससे ऑनलाइन भुगतान शुरू किया जाएगा। क्योंकि ये प्रणाली नई है इसलिए इसकी तैयारियों की वजह से ये रोक लगाई गई थी।
— Bhupendra Singh Chaudhary (@Bhupendraupbjp) September 17, 2019
इस खबर पर यूपी के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि ''ग्राम पंचायतों में पारदर्शी ढंग से काम करने के लिए हम पी०एफ०एम०एस० (पब्लिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम) प्रणाली को अपना रहे है, जिससे ऑनलाइन भुगतान शुरू किया जाएगा। क्योंकि ये प्रणाली नई है इसलिए इसकी तैयारियों की वजह से ये रोक लगाई गई थी। जल्द ही ये रोक हटाकर पी०एफ०एम०एस० प्रणाली के माध्यम से भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।''