बजट सत्र के पहले दिन पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट लोकसभा में पेश की। यह रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, टैक्स भरने वालों की तादाद बढ़ी है और बचत से ज्यादा निवेश जरूरी है। 2017-18 में विकास दर 7-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में 7-7.5 प्रतिशत रहेगी आर्थिक वृद्धि दर (GDP), कच्चा तेल की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं।
जानें, सर्वे की अहम बातें...
- 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ 7 से 7.5 पर्सेंट रहने का अनुमान।
- मौजूदा वित्त वर्ष में 6.75% हो सकती है जीडीपी ग्रोथ।
- निजी निवेश में सुधार के संकेत।
- एक्सपोर्ट में सुधार की स्थिति देखने को मिलेगी।
- सरकार ने माना कि फाइनेंशियल इयर 2019 में आर्थिक प्रबंधन में थोड़ी मुश्किल होगी।
- इस साल चालू खाता घाटा 1.5 से लेकर 2 प्रतिशत तक रह सकता है।
- मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि ग्रोथ 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- फाइनेंशियल इयर 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा 3.2 पर्सेंट रहने का अनुमान।
- सर्वे के मुताबिक मीडियम टर्म में रोजगार, शिक्षा और कृषि पर होगा सरकार का फोकस।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मौजूदा फाइनैंशल इयर में 3.3 पर्सेंट रहने का अनुमान।
- थोक मूल्य सूचकांक के 2.9 पर्सेंट तक रहने की संभावना।
- इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में बड़े इजाफे की उम्मीद। 209.4 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचेगा आंकड़ा।
क्रूड ऑइल से लगेगा झटका
- क्रूड ऑइल की कीमतों में इजाफे को लेकर जताई गई चिंता।
- 12 पर्सेंट तक बढ़ सकती हैं क्रूड की कीमतें, महंगाई में हो सकता है इजाफा।
ग्लोबल ग्रोथ से कहीं आगे है भारत
- ग्लोबल ग्रोथ से 4 और उभरती इकॉनमीज से 3 पर्सेंट ज्यादा है भारत की जीडीपी ग्रोथ।
- 2014-15 से 2017-18 तक भारत की औसत ग्रोथ 7.3 फीसदी रही।
जीएसटी से उत्साहजनक नतीजे
- जीएसटी से इनडायरेक्ट टैक्स चुकाने वालों की संख्या में 50 पर्सेंट बढ़ोतरी।
- जीएसटी के तहत छोटे कारोबारियों ने स्वेच्छा से बड़ी संख्या में कराया रजिस्ट्रेशन।