चुनाव आयोग ने मतपत्र व्यवस्था की ओर लौटने की संभावना से इंकार किया    

Update: 2017-06-03 23:12 GMT
Naseem jaidi 

नई दिल्ली (भाषा) । मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने मतपत्र व्यवस्था की ओर लौटने की संभावना से आज इंकार किया और कहा कि पेपर ट्रेल मशीनों (वीवीपीएटी) से भविष्य के चुनावों में और पारदर्शिता आएगी।

उन्होंने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि एक बार वीवीपीएटी मशीनों के साथ ईवीएम का उपयोग होने पर मतदाता अपने मतों को देख सकेंगें और इससे व्यवस्था में और अधिक पारदर्शिता आएगी। उसके बाद मतपत्र व्यवस्था की ओर लौटने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।

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चुनाव आयोग (ईसी) ने आज ईवीएम चुनौती का आयोजन किया था लेकिन किसी भी राजनीतिक दल ने इसमें भाग नहीं लिया।

मतदाता वीवीपीएटी परची सात सेकंड तक देख सकते हैं और उसके बाद वह एक बक्से में चली जाती है लेकिन मतदाता उस परची को अपने साथ नहीं ले जा सकते। राजनीतिक दल चाहते हैं कि यह परची 15 सेकंड तक देखी जा सके।

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जैदी ने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले ही घोषणा की है कि भविष्य में सभी लोकसभा एवं विधानसभा के सभी चुनाव वीवीपीएटी मशीनों के साथ होंगे। इस प्रक्रिया की शुरुआत इसी साल हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होगी।

चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम चुनौती की संवैधानिकता पर भविष्य में ‘‘अस्वस्थ आलोचना'' के जरिए अगर कोई व्यक्ति उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करता है तो वह उस पर गौर करेगा और कोई फैसला करेगा।

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मुख्य चुनाव आयुक्त जैदी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर भविष्य में हमें ऐसे किसी मामले की जानकारी मिलती है जहां उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन होता है तो हम उस पर गौर करेंगे और कोई फैसला करेंगे।

इस बीच, राकांपा चुनाव आयेाग की ईवीएम हैकिंग चुनौती से आज हट गयी और इसका दोष पूरी तरह से चुनाव निकाय पर मढा। राकांपा ने आरोप लगाया कि वह चुनौती से हट गयी क्यों कि चुनाव आयोग ने वोटिंग मशीनों के बारे में जरुरी जानकारी नहीं दी और आखिरी समय में चुनौती के प्रोटोकाल को बदल दिया। राज्यसभा सदस्य वंदना चव्हाण की अध्यक्षता में राकांपा के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आयोग ने टीम को अपनी पसंद से ईवीएम चुनने का विकल्प नहीं दिया। चव्हाण ने कहा कि पार्टी ने जो जानकारी बार बार मांगी थी, वह नहीं दी गयी ।

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