किसान महापंचायत: नरेश टिकैत ने कहा- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह निकाल सकते हैं किसान आंदोलन का हल

एक तरफ देश की राजधानी नई दिल्ली में पिछले कई महीनों से किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इसके खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में महापंचायत हो रही है। ऐसे ही एक पंचायत में किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह किसान आंदोलन का हल निकाल सकते हैं।

Update: 2021-02-24 15:45 GMT
किसानों को संबोधित करते नरेश टिकैत। (फोटो- सोशल मीडिया से)

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे जिला बाराबंकी में कृषि कानूनों के खिलाफ हुई किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार राजनाथ सिंह को बात करने की आजादी दे तो हमारी गारंटी है कि फैसला हो जाएगा।

पंजाब और हरियाणा से शुरू हुए किसानों के आंदोलन को अब तीन महीने बीत चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी तक फैले आंदोलन की आंच अब अवध और पूर्वांचल में भी पहुंच रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिला के मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर हरक ब्लॉक हैदरगढ़ रोड स्थित हरख चौराहे पर बुधवार 24 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की एक महापंचायत हुई जिसमें सैकड़ों किसान पहुंचे।

महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।

महापंचायत में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर सरकार राजनाथ सिंह को किसानों से बात करने की आजादी दे तो उनकी गारंटी है कि सारी समस्या का हल निकल आएगा। पूरे सम्मान से फैसला हो जाएगा और भाजपा की भी साख बची रह जाएगी। किसान राजनाथ सिंह का सम्मान करते हैं, लेकिन राजनाथ सिंह को केंद्र सरकार की तरफ से मौका नहीं दिया जा रहा।

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नरेश टिकैत ने कहा कि पूर्वांचल का रास्ता बाराबंकी से खुलता है। ये पूर्वांचल की सफलता का द्वार है इसलिए इसे खोलना बहुत जरूरी है। जब यहां का किसान अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होगा तभी वह पूर्वांचल के किसानों को तीनों काले कानूनों के खिलाफ जागरूक करने में सफल होगा। हम इस तरह की पंचायतें पूरे पूर्वांचल में करने जा रहे हैं। हर जिले में हमारी महापंचायत होगी। इसमें किसानों को जागरुक कर यह बताने का कार्य करेंगे कि ये तीनों कानून किस तरह से आने वाले दिनों में हमें अपना गुलाम बना लेंगे। ये सरकार किसानों को भी आतंकवादी, खालिस्तानी बताकर बदनाम कर रही है। किसानों को बदनाम करने की कोशिश की जाएगी, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।

नरेश टिकैत ने आगे कहा कि किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है, उसे अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। बिजली की कीमतें बढ़ रही हैं, हर दिन पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं। सरकार को अपना रवैया बदलना चाहिए। अगर थोड़े बहुत दिन और अगर यह सरकार रहेगी तो किसानों को अपनी खेती से हाथ धोना पड़ेगा।

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