LIVE : महिला संसद की कार्रवाई शुरू, दिल्ली के संसद मार्ग पर देशभर के आक्रोशित किसानों का हुजूम उमड़ा

Update: 2017-11-20 14:00 GMT
दिल्ली में महिला किसानों का प्रदर्शन। (सभी फोटो- अभिषेक वर्मा)

नई दिल्ली। देशभर से करीब 184 किसान संगठन सोमवार को दिल्‍ली में जुटे हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले किसान संगठनों ने रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक विरोध मार्च शुरू किया है। इन किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य और कर्ज माफी की मांग है।

अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा, ‘‘हमारी मुख्य मांग सही कीमत आंकलन के साथ वैध हक के तौर पर पूर्ण लाभकारी कीमतें और उत्पादन लागत पर कम से कम 50 फीसदी का लाभ अनुपात पाना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम फौरन व्यापक कर्ज माफी सहित कर्ज से आजादी की मांग करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज की समस्या के हल के लिए सांविधिक संस्थागत तंत्र स्थापित किए जाने की भी मांग की जाएगी। विरोध मार्च में बड़ी संख्या में महिला किसान भी पहुंची हैं।

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धावले ने कहा, ‘‘यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि यदि वह चुने जाते हैं तो किसानों को अपनी फसलों के लिए अच्छी कीमतें मिलेंगी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा।’’ एआईकेएससीसी के मुताबिक वर्तमान में लागत और आमदनी के बीच असंतुलन की वजह ईंधन, कीटनाशक, उर्वरक और यहां तक कि पानी सहित लागत की कीमतों में लगातार वृद्धि का होना है।

इन चीजों का किसान सामना कर रहे हैं। इस विराेध प्रदर्शन की खास बात ये है कि इस बार देशभर के किसान एक ही मांग कर रहे हैं। कर्नाटक के संदूर से आए किसान यशवंत कुमार कहते हैं “हम प्याज आैर मिर्च की खेती करते हैं। हमारे यहां किसान मर रहे हैं। राज्यसभ टीवी के वरिष्ठ पत्रकार अरविंद सिंह कहते हैं “ ये धरना अपने आप में बहुत अनूठा है। मेरे ख्याल से पहली बार देशभर के किसान एक जगह इकट्ठा हुए हैं।”

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अखिल भारतीय किसान सभा के नेता ने कहा कि कीमतों में घोर अन्याय किसानों को कर्ज में धकेल रहा है, वे आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं और देश भर में बार-बार प्रदर्शन हो रहे हैं। किसानों की दुर्दशा के हल के लिए हम बड़ी तादाद में दिल्ली में किसान मुक्ति संसद में एकत्र हो रहे हैं। एआईकेएससीसी अपने प्रदर्शन के दौरान किसान मुक्ति संसद का आयोजन करेगी। दो मांगों के साथ सोमवार को एक मसौदा विधेयक भी पेश किया जाएगा और उस पर किसान संसद चर्चा कर उसे पारित करेगी। नई दिल्ली में 1989 के बाद पहली बार देशभर के किसान जुटे हैं।

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स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने किसानों की रैली को संबोधित करते हुए मांग की कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों के किसानों का ऋण माफ करना चाहिए। यादव ने कहा, "हमारी दो मांगें हैं, पहली कि लाभकारी कीमतें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार उत्पादन लागत और उसके ऊपर 50 फीसदी होनी चाहिए और दूसरी मांग है कि सभी कृषि ऋण पर एक बार छूट देनी चाहिए। पिछले कुछ वर्षो में राज्य सरकारों ने अधिकतर कदम उठाए हैं, लेकिन अनुभव कहता है कि जब तक केंद्र सरकार इसमें कदम नहीं उठाएगी, ऋण को माफ नहीं किया जा सकता।"

उन्होंने कहा, "हम केंद्र सरकार से सिर्फ चुनाव वाले राज्यों में ही नहीं बल्कि सभी राज्यों के कृषि ऋण को माफ करने का आग्रह करते हैं।" रामलीला मैदान में लगभग 180 किसान संगठन एक साथ आए और ये अपनी मांगों को लेकर संसद मार्ग तक मार्च निकालेंगे। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयक समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर के तहत किया जा रहा है। किसान रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक मार्च करेंगे और कृषि की दशा और किसानों की आत्महत्या को लेकर बैठक करेंगे।

किसान नेता राजू शेट्टी जिन्होंने अभी कुछ दिन पहले किसानों को लेकर एनडीए में शामिल थे, एक मात्र सांसद थे जिन्होंने किसानों का मुद्दा उठाया। इन्होंने अब एनडीए का साथ छोड़ दिया है।उनका कहना है कि अगर किसानों की मांग नहीं पूरी की जाएगी तो हम विधानसभा व अन्य चुनावों में इन्हें घुसने नहीं देगें । यहां आज जो मांगें बना जा रही हैं, उनका प्रस्ताव बनाकर ये अन्य पार्टियों को भेजेंगें जो आने वाले समय में जो शीतकालीन सत्र शुरू होगा उसमें रक्षा जाएगा।

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