शराबबंदी के प्रभाव का आकलन कर रही गोवा सरकार

Update: 2017-04-04 17:30 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय तथा राज्य राज्यमार्गों पर शराब बेंचने पर पाबंदी लगाया है।

पणजी (भाषा)। गोवा सरकार राष्ट्रीय तथा राज्य राज्यमार्गों पर शराब के ठेकों पर पाबंदी लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के प्रभाव का आकलन कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय तथा राज्य राज्यमार्गों पर शराब बेंचने पर पाबंदी लगाया है।

गोवा के पर्यटन मंत्री मनोहर अजगांवकर ने आज से कहा, ‘‘मैंने पर्यटन विभाग से कहा है कि वह राज्य राजमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब की बिक्री पर पाबंदी के पर्यटन पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर रिपोर्ट दे।'' उन्होंने कहा कि इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से भी संपर्क किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पर्रिकर एक सक्षम मुख्यमंत्री हैं। हमें उम्मीद है कि वह समस्या का समाधान निकाल लेंगे।'' राज्य आबकारी विभाग राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में पड़ने वाले शराब के लगभग 3,000 ठेकों को पहले ही नोटिस जारी कर चुका है।

शराब व्यापारियों को उम्मीद है कि इस आदेश का उनके व्यवसाय पर गंभीर असर नहीं पडेगा क्योंकि शीर्ष अदालत ने 20,000 तक की आबादी वाले इलाकों में पाबंदी का दायरा घटाकर 220 मीटर तक कर दिया है।

ऑल गोवा लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दत्तप्रसाद नाईक ने रविवार को कहा था, ‘‘इस आदेश से शराब के 30 फीसदी ठेके प्रभावित हुए हैं. लेकिन राज्य सरकार ऐसा हल निकालने की दिशा में काम कर रही है जिससे उनमें से कुछ को बचाया जा सकेगा।'' राज्य में यात्रा व्यापार तथा होटल का प्रतिनिधित्व करने वाली निजी संस्था दी ट्रैवेल एंड टूरिज्म एसोसिएशन ऑफ गोवा (टीटीएजी) ने कहा कि इस आदेश का कोई तात्कालिक प्रभाव नहीं पडा है।

टीटीएजी के अध्यक्ष सावियो मसीह ने कहा, ‘‘फिलहाल कोई प्रभाव नहीं पडा है लेकिन भविष्य में हमें समस्याओं का सामना करना पडेगा।''

उन्होंने कहा, ‘‘इसका असर इतनी जल्दी नजर नहीं आएगा। जिन लोगों ने टिकट बुक कर लिए हैं वह इसे रद्द तो नहीं करेंगे, लेकिन जो लोग गोवा आने की योजना बना रहे हैं वह इस पर फैसला लेने से पहले दो बार सोचेंगे।'' मसीह ने कहा कि इससे विदेशी पर्यटकों की संख्या पर भी असर पड सकता है।

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