मुंबई (भाषा)। महाराष्ट्र सरकार ने तय व्यवस्था के तहत ग्रामीण इलाकों में एक साल तक सेवा नहीं देने वाले 4,500 से अधिक चिकित्सकों का पंजीकरण रद्द कर दिया ह
यह पाए जाने पर कि नियम के अनुसार इन चिकित्सकों ने एक साल तक ग्रामीण इलाकों में सेवाएं देने से इनकार किया था, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) ने इनका पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया।
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राज्य सरकार के प्रावधान के अनुसार चिकित्सकों को एक साल के लिए ग्रामीण इलाकों में सेवाएं देना अनिवार्य है।
डीएमईआर के अनुसार ये चिकित्सक ग्रामीण इलाकों में सेवा नहीं देने की एवज में जुर्माना देने में भी विफल रहे। डीएमईआर ने कहा कि 4,548 चिकित्सकों पर कार्वाई की गई है। इन लोगों ने 2005 से 2012 के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पढाई की है। इन्होंने ग्रामीण इलाकों में सेवा नहीं दी और जुर्माना भी नहीं दिया।
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डीएमईआर के एक अधिकारी ने कहा, अगर चिकित्सक नियम का पालन नहीं करते तो उनको जुर्माना देना होगा। जुर्माने की राशि एक एमबीबीएस चिकित्सक के लिए 10 लाख रपये, स्नात्तकोत्तर के लिए 50 लाख रपये और सुपर स्पेशलिटी चिकित्सक के लिए दो करोड रुपये है। राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हर चिकित्सक को महाराष्ट्र चिकित्सा परिषद से अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कराना पडता है।
उन्होंने कहा कि पंजीकरण के बिना ये चिकित्सक फर्जी कहे जाएंगे और इन पर कानूनी कार्वाई भी हो सकती है।
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