पंजाब के संगरूर में तबाही की ओलावृष्टि, हजारों एकड़ फसल चौपट

Update: 2019-01-25 06:23 GMT

लखनऊ। 20 जनवरी के बाद आए मौसम के बदलाव ने पंजाब के संगुरूर जिले में भारी नुकसान पहुंचाया है। संगरूर के मलेरकोटला इलाके में भारी ओलावृष्टि से हजारों एकड़ फसलें तबाह हो गयी हैं। कई किलोमीटर तक खेतों में सिर्फ सफेद बर्फ की चादर नजर आ रही है। ओले इतने ज्यादा थे कि पंजाब के इन किसानों को ट्रैक्टर चलाकर बर्फ हटानी पड़ी।

संगरूर जिले के मानकी गांव में रहने वाले कुलविंदर सिंह ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, " उनकी ही नहीं उनके पिता की जानकारी में भी कभी ऐसा मंजर नहीं दिखा। मंगलवार की शाम को भारी ओले गिरे, इसके बाद बुधवार को भी कई जगह ओलावृष्टि हुई। गेहूं, सरसों और आलू जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। गरीब किसान बर्बाद हो गए।"

ओलावृष्टि ने संगरूर जिले के मालेरकोटला और शेकपुर के दर्जनों गांवों को प्रभावित किया है। इनमें माणकी, दुमला, संदौड़, बापला, पंजगराइयां, मिठेवाला शामिल हैं। किसानों के मुताबिक गेहूं, आलू, सरसों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कई किलोमीटर तक बर्फ की चादर के नीचे सैकड़ों एकड़ फसल दबीं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक करीब 3 हजार एकड़ फसल बर्बाद हुई है। पीड़ित किसानों के मुआवजे के लिए प्रक्रिया शुरु की गई है। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी ख़बर में संगरूर के मुख्य अधिकारी के हवाले से लिखा, इलाके में करीब 3150 एकड़ फसल प्रभावित हुई है। लेकिन सही जानकारी 3-4 दिन बाद हो पाएगी जब खेतों से पानी निकल जाएगा।


कुलविंदर के पास 14 एकड़ के करीब गेहं और आलू था, जिसमें अब एक भी दाना होने की उम्मीद नहीं हैं। क्योंकि तीसरे दिन भी खेतों में ओले नजर आए। कुलविंदर बताते हैं, स्थानीय सांसद (भगवंत मान, आम आदमी पार्टी) ने बुधवार को इलाका का दौरा किया था, उनके साथ तहसीलदार भी आए थे। तहसीलदार साहब कह रहे थे कि गिरदवारी कराने के बाद प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।" कुलविंदर के मुताबिक उनके गांव के किसानों के फसल बीमा योजना भी नहीं कराया था।

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कई स्थानीय किसान और किसान प्रतिनिधियों ने ख़बरों में मलारकोट के किसानों की त्रासदी नहीं दिखाने पर सोशल मीडिया पर नाराजगी दिखाई। संदीप सिंगरोहा ने ट्वीटर पर मलारकोट का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा "पंजाब में पराली जलाने पर हो हल्ला करने वाले न्यूज चैनल वालों इन किसानों की बात भी दिल्ली तक पहुंचा दो।"

रिपोर्ट की मानें तो इससे सटे लुधियाना में गातार 17 घंटे में 72.2 एमएम बारिश दर्ज की गयी। 108 साल बाद यह दूसरी बार है जब लुधियाना में जनवरी माह में इतनी ज्यादा बारिश हुई है। यहां इससे पहले 1911 में 119.6 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। 


कई और राज्यों में हुई बारिश

21 जनवरी को उत्तर भारत में मौसम ने रुख बदला था। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश तक में कई जगह बारिश हुई। 22 जनवरी की रात यूपी की राजधानी लखनऊ में भी बारिश के साथ ओले गिरे थे, हालांकि इससे फसल को नुकसान की ख़बर नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सर्दी की बारिश गेहूं और आलू के लिए फायदेमंद साबित होती है।

संगरूर में दूर-दूर तक बर्फ की सफेद चादर ही दिख रही


 


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