अमरनाथ यात्रा पर हमला करने वाले चार आतंकियों में से दो पाकिस्तानी: गृहमंत्रालय

Update: 2017-07-13 08:54 GMT
अमरनाथ यात्रा

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक रिपोर्ट ज़ारी कर कहा है कि ऐसा संदेह है कि अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले में चार आतंकवादी शामिल थे, जिनमें दो पाकिस्तानी थे। अधिकारियों ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर और पाकिस्तानी नागिरक अबु इस्माइल इस हमले का मास्टरमांइड था और ऐसा संदेह है कि एक और पाकिस्तानी आंतकी और दो स्थानीय आतंकी उसकी मदद कर रहे थे।

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अधिकारियों ने बताया कि चारों आतंकवादियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया है। माना जा रहा है कि श्रद्धालुओं की बस पर हमले के बाद इन आतंकवादियों ने मौके से भागने के लिए दो मोटरसाइकलों का इस्तेमाल किया। गुजरात में पंजीकृत जिस बस पर हमला हुआ, वह सात जुलाई को जम्मू पहुंची और अमरनाथ श्राइन सुविधा केंद्र में पंजीकृत हुई।

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अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआत में बस श्रद्धालुओं के काफिले का हिस्सा थी और बालटाल तक साथ चली थी। बस में सवार श्रद्धालुओं ने आठ जुलाई को अमरनाथ गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की। ये श्रद्धालु वापस आते वक्त अपने काफिले से अलग हो गए और फिर श्रीनगर चले गए फिर दिन श्रीनगर में रुके। वे 10 जुलाई को शाम करीब 4:30 बजे श्रीनगर से कटरा के लिए रवाना हुए।

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ये बस शाम करीब 6:30 बजे खानाबल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक जगह पर पंक्चर हो गई। इसके बाद यात्री बस से उतर गए और सड़क के किनारे एक ढाबे पर खाना खाने लगे। जब बस ने यात्रा फिर से शुरू की तो आतंकवादियों ने खानाबल में रात 8 बजकर 17 मिनट पर इसमें सवार श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। गोलियों का सामना कर रहे बस के ड्राइवर सलीम शेख ने सूझबूझ दिखाई और वहां से बस को बचाकर किसी तरह निकाला। इसके बाद आतंकवादियों के दूसरे समूह ने महज 75 मीटर की दूरी पर फिर से बस पर हमला कर दिया।

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अधिकारियों ने कहा कि ड्राइवर ने फिर भी बस नहीं रोकी जबकि लगातार दूसरी बार बस पर हमला किया गया था। आखिरकार कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बस रोकी गई और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को अनंतनाग पुलिस लाइन लेकर गए जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर अस्पताल ले जाया गया ।

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