बैंक से 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन में दिखाना होगा आईडी कार्ड, जानें नए नियम

Update: 2017-10-23 08:56 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। अगर आप कोई बड़ा लेन-देन कर रहे हैं तो आपको बैंक और वित्तीय संस्थान को अपने पहचान का मूल दस्तावेज दिखाना होगा। सिर्फ उसकी कॉपी से काम नहीं चलेगा।

केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि एक निश्चित सीमा से अधिक का लेन-देन करने वाले लोगों के मूल पहचान दस्तावेजों का उसकी प्रतियों से मिलान किया जाए। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य जाली या धोखाधड़ी कर बनाए गए दस्तावेजों के इस्तेमाल की संभावना को खत्म करना है।

वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने गजट अधिसूचना जारी कर धनशोधन निरोधक (रिकॉर्ड रखरखाव) नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के तहत रिपोर्ट करने वाली इकाई को ग्राहकों के दिए गए आधारिक रूप से वैध दस्तावेज की प्रतिलिपि का मूल के साथ मिलान करना होगा।

कालाधन के खिलाफ प्रमुख कानूनी ढांचा

धनशोधन निरोधक कानून द प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) देश में धनशोधन और कालेधन के सृजन पर अंकुश लगाने का प्रमुख कानूनी ढांचा है। पीएमएलए और इसके नियमों के तहत बैंकों, वित्तीय संस्थानों और अन्य बाजार इकाइयों के लिए अपने ग्राहकों की पहचान का सत्यापन करना, रिकॉर्ड रखना तथा भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी) को सूचना देना जरूरी है।

ग्राहक और उसकी पहचान का सत्यापन

पीएमएलए के नियम 9 के तहत प्रत्येक रिपोर्टिंग इकाई को किसी के साथ खाता आधारित संबंध शुरू करते समय अपने ग्राहकों और उनकी पहचान का सत्यापन करना आवश्यक है। उन्हें अपने ग्राहकों से कारोबारी संबंध के मकसद और प्रकृति के बारे में भी आवश्यक तौर पर सूचना हासिल करनी होगी। पीएमएलए में शेयर ब्रोकर, चिट फंड कंपनियां, सहकारी बैंक, आवास वित्त संस्थान और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी रिपोर्टिंग इकाई के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

खाता खोलने के लिए भी मूल दस्तावेज जरूरी

रिपोर्टिंग इकाइयों को खाता खोलने या 50,000 रुपये से अधिक का लेनदेन करने वालों से बायोमीट्रिक पहचान नंबर (आधार) और अन्य आधिकारिक दस्तावेज लेना जरूरी है। इसी तरह की अनिवार्यता 10 लाख रुपये से अधिक के नकद सौदे या इतने ही मूल्य के विदेशी मुद्रा सौदे के लिए भी है। रिपोर्टिंग नियमों के अनुसार, पांच लाख रुपये से अधिक के विदेशी मुद्रा के सीमापार लेनदेन और 50 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की खरीद भी इसी श्रेणी में आती है।

नए पते के लिए बिजली का बिल प्रमाण चलेगा

गजट अधिसूचना में कहा गया कि अगर आधिकारिक रूप से दिए गए वैध दस्तावेज में नया पता शामिल नहीं है तो टेलीफोन बिल, पोस्टपेड मोबाइल बिल, पाइप गैस का बिल या बिजली का बिल पते के प्रमाण के रूप में दिया जा सकता है। हालांकि ये बिल दो महीने से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए। इनके अलावा संपत्ति या नगरपालिका कर की रसीद, पेंशन या रिटायर कर्मचारियों को सरकारी विभागों से जारी परिवार पेंशन भुगतान का आदेश, या नियोक्ता से मिला आवास के आवंटन का पत्र भी नए पते के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है।

यहां मूल दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी

  • 50,000 रुपये से अधिक का लेनदेन करने या खाता खोलने में
  • 10 लाख रुपये से अधिक के नकद या इतने ही मूल्य की विदेशी मुद्रा के सौदे में
  • 5 लाख रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा के सीमापार लेनदेन में
  • 50 लाख रुपये या इससे अधिक मूल्य की अचल संपत्ति खरीदने में

नियमों में संशोधन

  • 50,000 से अधिक के लेनदेन पर ग्राहक के दस्तावेजों की सच्चाई की जांच की जाएगी
  • खाता खोलते वक्त ग्राहक और उसकी पहचान का सत्यापन बैंक को करना होगा
  • कारोबारी संबंध के मकसद व प्रकृति के बारे में भी ब्योरा हासिल करेंगे
  • शेयर ब्रोकर, चिट फंड कंपनियों, आवास वित्त संस्थानों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी ऐसा करना होगा

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