आईआईटी कानपुर ने 60 छात्रों को दिखाया बाहर का रास्ता

Update: 2017-07-09 17:37 GMT
आईआईटी कानपुर

लखनऊ। कानपुर आईआईटी ने परफॉर्मेंस न सुधारने वाले स्टुडेंट्स पर सख्ती बरतते हुए करीब 60 छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाया है। छात्र और पैरंट्स इस फैसले से मायूस हैं हालांकि आईआईटी कानपुर एकेडमिक्स के डीन डॉ. नीरज मिश्रा ने बताया कि यह एक सामान्य और लीगल प्रैक्टिस है। कमजोर छात्रों को उनका प्रदर्शन सुधारने का मौका दिया जाता है लेकिन जो छात्र ऐसा कर पाएं उन्हें खिलाफ कार्रवाई की गई।

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इन छात्रों को दया याचिका का मौका भी दिया गया था लेकिन बहुत कमजोर छात्रों को इसके तहत भी राहत नहीं दी गई।

कॉलेज से निकाले गए 60 छात्रों में 46 अंडरग्रेजुएट, 8 पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च स्कॉलर्स हैं। इसमें कुछ फाइनल ईयर के छात्र भी शामिल हैं। इन छात्रों के पैरंट्स को भी छात्रों के निष्कासन के बारे में बता दिया है, ताकि मायूस स्टुडेंट्स कोई गलत कदम न उठाएं।

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सात जुलाई को देश के सभी आईआईटी को आईआईटी-जेईई (एडवान्स) 2017 के नतीजे के आधार पर छात्रों की काउन्सिलिंग करने और प्रवेश देने से रोक दिया। दरअसल इस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को अतिरिक्त नंबर दिए जाने को चुनौती देते हुए अलग-अलग जगहों पर याचिकाएं दायर की गई हैं। इसलिए जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एम खानविलकर की बेंच ने सभी हाईकोर्ट को भी आईआईटी में काउन्सिलिंग और प्रवेश से संबंधित किसी भी नई याचिका पर विचार करने से रोक दिया है।

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