नई दिल्ली (भाषा)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खडगपुर के वैज्ञानिकों ने प्याज के छिलकों का इस्तेमाल कर एक सस्ते उपकरण का निर्माण किया है जो शरीर की गति का इस्तेमाल कर हरित विद्युत का उत्पादन कर सकता है और पेसमेकर, स्मार्ट पिल और पहनने लायक विद्युत उपकरण को चला सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह गैर विषाक्त, जैविक तरीके से सडनशील उपकरण प्याज के छिलके के उपयुक्त विद्युत आवेश संबंधी (पीजियोइलेक्ट्रिक) गुणों का इस्तेमाल करता है। पीजियोइलेक्ट्रिक चीजों में हर दिन की यांत्रिक गति से ऊर्जा को बिजली में बदलने की क्षमता होती है।
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पश्चिम बंगाल स्थित संस्थान के प्रोफेसर भानू भूषण खटुआ ने कहा, ''हाथों से बनाया गया यह सस्ता नवोन्मेषी उपकरण नई दिशा में मिली बड़ी सफलता है, यहां तक कि आम लोग भी इस साधारण, नये एवं सस्ते विचार का इस्तेमाल कर किसी भी परिस्थिति में ऊर्जा का उत्पादन कर सकते हैं।''
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शोधकर्ताओं ने कहा कि पीजोइलेक्ट्रिक चीजों के इस्तेमाल से हमारे पर्यावरण में किसी भी प्रकार का प्रदूषण फैलाए बिना केवल शरीर की गति को हरित ऊर्जा में बदला जा सकता है। यह अध्ययन नैनोएनर्जी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
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शोधकर्ताओं में आईआईटी के सुमंता कुमार करण और संदीप मैती शामिल हैं। दोनों ने इस बात की उम्मीद जतायी कि यह तकनीक जल्द ही व्यवसायिक इस्तेमाल में लायी जा सकती है। हालांकि व्यवहारिक उपयोग से पहले थोड़ा और शोध करने की जरुरत है।