आत्मनिर्भर भारत पैकेज: तीसरे चरण में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान, सरल शब्दों में समझिए 10 बड़ी बातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तीसरे चरण में शुक्रवार को कृषि क्षेत्र के कई लिए बड़े ऐलान किये। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने अब तक कृषि क्षेत्र के लिए क्या-क्या किया, वित्त मंत्री ने इसका भी ब्योरा दिया। तो आइये डिटले में जानते हैं कृषि क्षेत्र के लिए वित्त मंत्री के 10 बड़े ऐलान-
1-किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपए
किसानों सामने भंडारण और संवर्धन की समस्या हमेशा से रही है। जब किसानों के उपज होती है तो उसकी कीमत हो जाती है। ऐसे में किसानों को इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए का फंड दिया जायेगा। इससे गोदाम और स्टोरेज सेक्टर को बढ़ावा देने में खर्च किया जायेगा।
2- मत्स्य पालन और कोल्ड चेन के लिए 20,000 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपए देने की घोषणा हुई है। इसमें से 11,000 हजार करोड़ रुपए समुद्री और अंतरदेसीय मत्स्यपालन पर खर्च होंगे जबकि 9,000 करोड़ रुपए से कोल्ड चेन बनाए जाएंगे।
Government to launch Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana for integrated, sustainable, inclusive development of marine and inland fisheries to plug critical gaps in fisheries value chain; move will provide employment to over 55 lakh persons & double exports to Rs 1 lakh crore pic.twitter.com/ZDV2ldSEV2
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 15, 2020
सरकार का दावा है कि इससे मछली का उत्पादन 70 लाख टन अगले पांच साल में होगा जबकि इससे 55 लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सरकार का एक लाख करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य है। मछुआरों और नावों का बीमा भी कराया जाएगा।
3- पशुओं के टीकाकरण के लिए 13,343 करोड़ रुपए
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार देश के 52 करोड़ पशुओं (गाय, भैंस, बकरी, सूअर आदि) को टीका लगाने की योजना लेकर आई है। इसके लिए कुल 13,343 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
National Animal Disease Control Programme has been launched with total outlay of Rs. 13,343 crores for 100% vaccination of cattle, buffalo, sheep, goat and pig population in India#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/cbRer9Bccj
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इससे पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सकेगा। दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। लगभग 1.5 करोड़ गायों को टीका लगाया जा चुका है।
4- पशुपालन क्षेत्र में सुधार पर जोर
सरकार ने पशुपालन क्षेत्र के बुनियादी जरूरतों को पूरी करने के लिए 15,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग 20-25 फीसद घटी है। नई योजना के तहत डेयरी कोऑपरेटिव्स को वर्ष 2020-2021 के लिए ब्याज में 2 फीसदी प्रति वर्ष की छूट मिलेगी। इसके अलावा जो लोग जल्द भुगतान करेंगे उन्हें अतिरिक्त दो फीसदी ब्याज छूट दी जाएगी।
New scheme has been launched for interest subvention @ 2% per annum to dairy cooperatives for 2020-21 aimed at unlocking Rs 5000 crores additional liquidity, benefitting 2 crore farmers: Union Minister @nsitharaman#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/XQrZTGy5Wz
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वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इससे दो करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा और इसका कुल 5,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। बाकी के पैसे डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और पशु चारे के लिए खर्च होंगे।
5-फूड प्रोसेसिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपए
वित्त मंत्री ने सूक्ष्य, खाद्य संस्करण इकाइयों के लिए 10,000 करोड़ रुपए की योजना का ऐलान किया है। इससे करीब दो लाख सूक्ष्य इकाइयों फायदा मिल सकता है। योजना समूह (कलस्टर) आधारित होगी।
Aiming to implement PM's vision of 'Vocal for Local with Global outreach', a scheme will be launched to help 2 lakh Micro Food Enterprises; Improved health and safety standards, integration with retail markets and improved incomes to be key focus areas#AatmaNirbharDesh pic.twitter.com/nnuXlJdPyp
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इसमें स्थानीय कंपनियों को सहयोग दिया जायेगा। जैसे बिहार का मखाना, यूपी के आम, जम्मू-कश्मीर के केसर जैसे खेती में कलस्टर बनाया जाएगा।
6- हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपए का आवंटन
भारत में हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 4,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इसके तहत दो वर्षों में हर्बल खेती के तहत 10 लाख हेक्टेयर को कवर करने का लक्ष्य है। इसके जरिए गंगा के किनारों पर औषधीय पौधों का गलियारा बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे किसानों को 5,000 करोड़ रुपए तक की आमदनी होगी। जन औषधि की खेती करने के साथ उसका नेटवर्क किया जा रहा है।
7- मधुमक्खी पालन को बढ़ाने का लक्ष्य
Government to implement a scheme for infrastructure development related to Beekeeping; aims to increase income for 2 lakh beekeepers with special thrust on capacity building of women#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/YifQlh39uy
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वित्त मंत्री ने कहा है कि मधुमक्खी पालन से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार एक योजना लागू करेगी। इसमें महिलाओं की क्षमता निर्माण पर विशेष जोर देने के साथ दो लाख मधुमक्खी पालकों के लिए आय बढ़ाने का लक्ष्य है। मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों के लिए 500 करोड़ रुपए का पैकेज दिया जायेगा। ग्रामीण इलाकों में जो लोग मधुमक्खी पालन करते हैं उन्हें इससे सपोर्ट मिलेगा। दो लाख मधुमक्खी पालन करने वाले लोगों की आमदनी बढ़ेगी।
8- आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव
सरकार ने कहा है कि किसानों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्ति को आसान करने के लिए सरकार आवश्यक वस्तु (एशेंशियल कमोडिटीज) अधिनियम 1955 में संशोधन करेगी। इससे किसानों को अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू आदि को कम कीमत में नहीं बेचना पड़ेगा।
9- कृषि उपज मंडी समिति में फसल बेचने से छुटकारा
किसानों को मार्केटिंग विकल्प प्रदान करने के लिए कृषि विपणन सुधारों को लागू करने के लिए सरकार कानून लाने जा रही है। किसान अंतरराज्यीय व्यापार कर सकेंगे। वित्त मंत्री का दावा है कि ये कानून किसान को आकर्षक मूल्य पर उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करेगा।
Government to bring in law to implement agriculture marketing reforms to provide marketing choices to farmers; law will provide adequate choices to farmer to sell produce at attractive price#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/LdnhUGoPZ1
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पहले किसानों को सिर्फ APMC (कृषि उपज मंडी समिति) को बेचना पड़ता था लेकिन अब यह मजबूरी खत्म हो गई। इससे किसानों को अच्छी कीमत मिल सकती है।
10- ऑपरेशन ग्रीन्स का दायरा बढ़ा
ऑपरेशन ग्रीन्स को टमाटर, आलू और प्याज से बढ़ाकर सभी फलों और सब्जियों तक किया जा रहा है। इसमें 500 करोड़ रुपए का प्रावधान। इससे पहले इस योजना में टमाटर, आलू और प्याज को ही शामिल किया गया था।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के लिए 74,300 करोड़ रुपए के कृषि उत्पाद खरीदे और पीएम किसान फंड के तहत 18,700 करोड़ रुपए किसानों को दिए गए। दो महीनों में 6,400 करोड़ रुपए के फसल बीमा क्लेम किसानों को भुगतान किया गया।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 12 मई को देश को लॉकडाउन में हो रहे नुकसान से उबारने के लिए 20,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसके बाद से शुक्रवार 15 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरे दिन इसके तहत आवंटित पैसों का ब्योरा दिया।
पहले दिन यानी बुधवार को उन्होंने मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिए ऐलान किया था। दूसरे दिन के ऐलान में सरकार ने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में दो महीने के अनाज से लेकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी कई बड़े ऐलान किये थे।