पाकिस्तान को समझना होगा कि जम्मू-कश्मीर ने अपना भविष्य तय कर लिया : महबूबा मुफ्ती

Update: 2018-01-11 15:18 GMT
महबूबा मुफ्ती, मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर

जम्मू (भाषा)। जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान की जोरदार पैरवी की, लेकिन आगाह किया कि इस मामले को धार्मिक मुद्दे के तौर पर तब्दील नहीं किया जाना चाहिए। विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री महबूबा के जवाब का बहिष्कार किया और सदन से वाकआउट किया।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत के साथ अपना भविष्य तय कर चुका है और अब एक चीज संभव है कि राज्य भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का सेतु बन सकता है।

उन्होंने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा, एक राजनीतिक मुद्दे को बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए और इसे धार्मिक मुद्दा भी नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि वह राजनीतिक मुद्दे का समाधान कर सकते हैं और कोई रास्ता भी निकाल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, पाकिस्तान को यह समझना होगा कि जम्मू-कश्मीर ने अपना भविष्य तय कर लिया है और अब सिर्फ यही संभव है कि राज्य दोनों देशों के बीच शांति का सेतु बने।

विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री के जवाब का किया बहिष्कार

जम्मू कश्मीर में विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के जवाब का आज बहिष्कार किया और उन पर यह आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया कि वह दक्षिण कश्मीर में एक नागरिक की हत्या पर बयान देने में विफल रही हैं।

इसके पहले आज विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने राज्य सरकार पर नागरिकों की हत्या एवं मानवाधिकार उल्लंघनों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए विधानसभा और विधानपरिषद से वाकआउट किया था।

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बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने नेकां नेता फारुक अब्दुल्ला के इस कथित बयान की सराहना की कि संसद में पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर मुद्दे का समाधान कर सकते हैं।

विपक्षी सदस्यों ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के भाषण का बहिष्कार किया क्योंकि मुख्यमंत्री ने नागरिक हत्या मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। विधानसभा में नेता विपक्ष उमर अब्दुल्ला और अन्य विपक्षी सदस्य सदन से बर्हिगमन कर गए।

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