कृषि अध्यादेश पर बोले जेपी नड्डा- सरकार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही, कांग्रेस ने भी इस बिल का वादा किया था
देशभर में किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि तीनों कृषि अध्यादेश किसानों की भलाई के लिए हैं। उन्होंने इसका विरोध करने पर कांग्रेस पर दोहरी राजनीति करने का आरोप भी लगाया।
किसानों से जुड़े तीनों अध्यादेशों का किसान भले ही देशभर में विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ये तीनो अध्यादेश बहुत दूर दृष्टि के हैं और इससे कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।
बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है। सरकार के इन नये प्रयासों से किसानों को फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि तीनों अध्यादेश बहुत दूर दृष्टि के हैं इसलिए हम हम इन्हें बिल के रूप में संसद में ला रहे हैं और पास कराने जा रहे हैं।
नड्डा ने कहा, " ये तीनों बिल कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम की बात की जाये तो ये 1955 का है। उस वक्त उपज काफी कम थी जो अब बहुत बढ़ गई है। ये बिल जब आया था तब उपज की कमी थी। अब इसको डिरेग्यूलेट करते हुए अपवाद की स्थिति का ध्यान रखा गया है।"
"इससे प्राइवेट सेक्टर भी निवेश कर सकते हैं। इसी तरह कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य बिल के जरिये भी किसानों को सुविधा देने का प्रयास है। अब से सुविधा मिल जायेगी कि आप मंडी से बाहर भी अपना अनाज बेच सकते हैं। इससे फायदा ये होगा कि किसान तुलना कर लेगा कि कहां ज्यादा दाम मिल रहा है।"
APMC चलती रहेगी, उसमें व्यवस्था बदस्तूर बरक़रार रहेगी, MSP भी रहेगी लेकिन अब किसान एक मार्केट के बाहर भी अपने दामों पर अपना अनाज दे सकता है। हम सरलीकरण कर रहे हैं, हम किसानों को छूट दे रहे हैं, उन्हें ऑप्शन दे रहे हैं। pic.twitter.com/8YjGZwroj3
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) September 16, 2020
उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल भी किसानों के हित वाला है, जो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर आधारित है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग इसलिए जरूरी है क्योंकि सब लोग खुद खेती नहीं करते हैं। इसलिए इसमें लिखित एग्रीमेंट की व्यवस्था की गई है। एग्रीमेंट उत्पाद पर आधारित होगा और किसान की जमीन का कोई नुकसान नहीं होगा।
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उन्होंने कहा कि अगर कॉन्ट्रैक्ट पर खेती करने वाला जमीन पर कोई निवेश भी करता है तो ऐसी स्थिति में भी जमीन का मालिकाना किसान के पास ही रहेगा। जिस दिन उत्पाद की क्वालिटी को स्वीकार्यता मिल जाएगी उसी दिन किसान को पेमेंट भी हो जाएगा। साथ ही किसान को अब बाढ़ या दूसरी किसी आपदा से घबराने की भी जरूरत नहीं है।
नड्डा ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है। इनका दोहरा चेहरा है। कांग्रेस को सिवाय राजनीति के और कुछ नहीं आता। इसी कांग्रेस ने 2013-14 में यूपीए की सरकार ने फूड और वेजिटेबल्स को APMC से डिनोटिफाई कराया था। कांग्रेस ने 2019 के अपने घोषणा पत्र में भी इसी तरह के फैसले लेने का वादा किया था।