ओडिशा में सड़क पर उतरे हजारों किसान, पद यात्रा कर पहुंचेंग भुवनेश्वर
नवनिर्माण किसान संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार भी किया है, ताकि वो पदयात्रा में शामिल न हो सकें।
लखनऊ/भुवनेश्वर। ओडिशा में नवनिर्माण किसान संगठन के बैनर तले हजारों किसान पदयात्रा निकाल रहे हैं। यह यात्रा जाजपुर से भवनेश्वर और खोरदा जिले के बालुगांव से भुवनेश्वर की ओर निकली है। यात्रा में शामिल किसानों को 5 नवंबर को भुवनेश्वर पहुंचना है। हालांकि ओडिशा सरकार ने किसान यात्रा को भुवनेश्वर में दाखिल होने की अनुमति नहीं दी है। नवनिर्माण किसान संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार भी किया है, ताकि वो पदयात्रा में शामिल न हो सकें।
नवनिर्माण किसान संगठन से जुड़े प्रदीप दास बताते हैं, ''यात्रा को लेकर सरकार घबरा गई है। करीब 50 हजार किसान जाजपुर से भुवनेश्वर और बालुगांव से भुवनेश्वर की ओर बढ़ रहे हैं। यात्रा को रोकने के लिए पुलिस एक रात पहले से ही गांव में किसानों को गिरफ्तार करने लगी थी। लेकिन आज सुबह यात्रा की शुरुआत के साथ ही उन्हें छोड़ रहे हैं।''
प्रदीप बताते हैं, ''जाजपुर में हमारे कैंप पर रविवार (28 अक्टूबर) की रात पुलिस वाले पहुंचे और किसानों के लिए खाने के सामान को फेंक दिया। सरकार इस यात्रा को दबाने में लगी है, लेकिन किसान हार मानने को तैयार नहीं है। हम सब भुवनेश्वर पहुंच कर अपनी समस्याएं सरकार को बताएंगे।''
प्रदीप कहते हैं, ''2016 के दिसंबर महीने में भी हमने यात्रा निकाली थी। तब हमारे संगठन के अगुवा अक्षय कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। करीब 9 दिन जेल में रखने के बाद उन्हें छोड़ा गया। इसके बाद हमारी ओर से अनशन करने के बाद सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि हमारी मांगों पर कार्यवाही की जाएगी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे में हमें यात्रा निकालना ही सही लगा।''
बालुगांव से यात्रा में शामिल गौरव सिंह कहते हैं, ''इस यात्रा में शामिल होन के लिए ओडिशा के अलग-अलग गांव से किसान आ रहे हैं। इन सभी किसानों को भुवनेश्वर पहुंचना है, जहां एक रैली के माध्यम से अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की मंशा है। हमारी तीन प्रमुख मांगे हैं, प्राइज, प्रेस्टीज और पेंशन। किसान अपने फसलों के उचित दाम के लिए, अपने सम्मान के लिए और पेंशन के लिए ये यात्रा निकाल रहे हैं। सरकार इस यात्रा से डर गई है। यात्रा में शामिल होने के लिए कई किसान आ रहे थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।'' गौरव कहते हैं, ''भुवनेश्वर में दाखिल होने की अनुमति न होने के बाद भी किसान आगे बढ़ रहे हैं। किसानों के साथ पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान चल रहे हैं। इस वजह से किसानों में भय है कि कहीं उनपर लाठीचार्ज न हो जाए।''
बता दें, ओडिशा में 2015 और 2016 के बीच किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा दोगुना हो गया है। दरअसल किसान यहां कर्ज के तले दबे होने की वजह से आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं। भारत में दुर्घटनाग्रस्त मौत और आत्महत्या (एडीएसआई) की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में 50 कृषि श्रमिकों और किसानों ने ओडिशा में आत्महत्या की। वहीं, राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब में कृषि और किसानों के कल्याण मंत्रालय की ओर से बताया गया कि 2016 में ओडिशा में 121 किसानों ने आत्महत्या की है।