ताजमहल से हर साल भारत को होती है करोड़ों रुपये की कमाई, ये है आंकड़ा 

Update: 2017-10-18 13:05 GMT
ताजमहल

लखनऊ। पिछले कुछ समय से देश में ताजमहल को लेकर विवाद हो रहे हैं। पहले उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन पुस्तिका से ताजमहल का नाम हटाया गया और फिर कई नेताओं ने इसे लेकर विवादास्पद बयान दिए। हाल ही में बीजेपी विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को गुलामी का प्रतीक बताया है, उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूछ लिया कि वो लाल किले के बारे में क्या कहेंगे उसे भी तो मुगलों ने बनवाया है।

इसके बाद सपा नेता आज़म ख़ान ने भी संगीत सोम के बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमें संसद भवन और राज्यसभा को भी गिरा देना चाहिए। वो भी गुलामी का प्रतीक हैं लेकिन हम यहां ताजमहल के गुलामी का प्रतीक होने या देश का गौरव होने की बात नहीं कर रहे हैं। हम यहां बात कर रहे हैं उस आर्थिक फायदे की जो हर साल ताजमहल से देश को होता है।

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देश को ताजमहल से जो आर्थिक फायदा होता है उस पर अगर नज़र डालें तो यह बिल्कुल भी नहीं लगेगा कि 364 साल पुरानी प्रेम की इस निशानी पर किसी भी तरह के विवाद का कोई असर होता है। आंकड़ों के मुताबिक, संगमरमर का यह मक़बरा विदेशी पर्यटकों के बीच सरकारी संरक्षित इमारतों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक इमारतों के टिकट से होने वाली कमाई का आधा हिस्सा ताजमहल के टिकटों से होता है और भारत को ऐतिहासिक इमारतों के टिकटों से होने वाली कमाई में ताजमहल का पांचवा हिस्सा होता है। यही नहीं बूमलाइव के मुताबिक, 2014 में देश की 10 सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक इमारतों में से पहली छह मुस्लिम अतीत की थीं।

10 अगस्त 2016 को सांस्कृतिक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेश शर्मा ने राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि 2013 - 14 व 2015 - 16 में संरक्षित इमारतों के प्रवेश शुल्क से होने वाली कुल कमाई में से ताजमहल के प्रवेश शुल्क से उत्तर प्रदेश की सरकार को 49 प्रतिशत व भारत सरकार को 21 प्रतिशत आय हुई।

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2 दिसम्बर 2015 को राज्यसभा में एक और सवाल के जवाब में महेश शर्मा ने कहा था कि 2014 में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में से लगभग 23 प्रतिशत पर्यटक ताजमहल घूमने ही भारत आते हैं। यानि संरक्षित इमारतों को देखने आने वाले पर्यटकों को ताजमहल सबसे ज़्यादा पसंद है।

प्रवेश शुल्क के आधार पर पिछले तीन सालों में ताजमहल लोगों के बीच सबसे ज़्यादा आकर्षण का केंद्र रहा है। 2013 - 14 में संरक्षित इमारतों से होने वाली कुल आय में से 22.5 प्रतिशत यानि 22 करोड़ रुपये की आय ताजमहल से हुई थी, 2014 - 15 में इससे 23 प्रतिशत यानि 21 करोड़ रुपये और 2015 - 16 में 18 करोड़ रुपये यानि 19 प्रतिशत आय ताजमहल से हुई।

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खराब बुनियादी ढांचे के कारण विदेशी पर्यटकों के बीच ताजमहल की प्रसिद्धि 2012 के मुकाबले 2014 में 13 प्रतिशत कम हो गई। 2012 में जहां 743,256 विदेशी पर्यटक भारत आए थे वहीं 2014 में यह संख्या घटकर 648,511 हो गई, यह बात भी महेश शर्मा ने 16 मार्च 2016 को राज्य सभा में एक जवाब के दौरान कही।

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