पटना। बिहार में सियासी उठापटक जारी है। नीतीश कुमार के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सुशील मोदी ने कहा कि वो नीतीश कुमार को अपना नेता मानते हैं और उनकी अगुवाई में सरकार बनाने को तैयार है।
इससे पहले नीतीश कुमार के इस्तीफा देते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। इसके बाद रामविलास पासवान सहित कई बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया पर संदेश आना शुरू हो गए। पटना में भी बीजेपी विधायकों की बैठक हुई थी, जिसके बाद सुशील मोदी ने ये ऐलान किया। सुशील मोदी ने पहले ही कहा कि वो मध्यावधि चुनाव नहीं चाहते हैं।
पहले से लगाए जा रहे थे नीतीश और बीजेपी के साथ आने के कयास
पिछले दिनों से बिहार में गठबंधन टूटने के जो कयास लगाए जा रहे थे वो अब सही हो चुके हैं और इसके पीछे बीजेपी बड़़ी वजह बनकर सामने आ चुकी है। गठबंधन टूटने से राजद और कांग्रेस के हटने के बाद अब जेडीयू के विधायकों की संख्या 71 है। जबकि नीतीश कुमार को अपना बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए।
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नीतीश को मिला बीजेपी का समर्थन
बहुमत की गणित देखें तो भाजपा के पास बिहार में फिलहाल 53 विधायक है, लोजपा के दो और आरएलएसपी के दो विधायकों को मिलाने पर विधायकों की संख्या 128 हो जाएगी जो बहुमत से ज्यादा है। पिछले 15 दिन से बिहार में सियासी खींचतान चल रही थी। बहुमत का जादुई आंक़डा़ प्राप्त करने के लिए 122 विधायक चाहिए।
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इसके पीछे की कहानी राष्ट्रपति चुनाव से भी शुरू होती है। महागठबंधन में पहले इस बात पर सहमति थी कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साझा उम्मीदवार घोषित किया जाए। महागठबंधन के द्वारा उम्मीदवार घोषित करने से पहले एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। नवबंर में नोटबंदी के दौरान भी नीतीश ने प्रधानमंत्री के कदम का स्वागत किया था।