Budget 2021 : जानें इस साल बजट में MSME सेक्टर को क्या-क्या मिला?

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई के लिए नई व्यवस्थाएं की जाएंगी। एमएसएमई को विकसित करने के लिए 15,700 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

Update: 2021-02-01 12:45 GMT
MSME को बजट में क्या मिला?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 पेश किया। कोरोना काल में बुरी तरह से प्रभावित हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) सेक्टर को इस बजट से बड़ी राहत की उम्मीद थी। आइये देखते हैं बजट 2021-22 में क्या खास है एमएसएमई के लिए।

सोमवार एक फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई के लिए नई व्यवस्थाएं की जाएंगी। एमएसएमई को विकसित करने के लिए 15,700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। मशीन लर्निंग पर ज़ोर दिया जाएगा साथ ही छोटी कंपनियों के लिए पेडअप कैपिटल सीमा बढ़ाई जाएगी।'

पेडअप कैपिटल वह ऐसी धनराशि है जिसे कंपनी अपने शेयरधारकों से जमा माल के बदले में प्राप्त करती है।

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि हम पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार दोगुना से अधिक 15,700 करोड़ रुपए एमएसएमई क्षेत्र के लिए दे रहे हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र के लिए 7,572 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि कुछ इस्पात उत्पादों पर एंटी डंपिंग शुल्क (एडीडी) और प्रतिकारी शुल्क (सीवीडब्ल्यू) को भी रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "हाल में लोहे और इस्पात की कीमतों में हुई तेज़ बढ़ोतरी से एमएसएमई और अन्य उद्योग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इसलिए हम गैर-मिश्र धातु, मिश्र धातु और स्टेनलेस इस्पात के उत्पादों पर सीमा शुल्क को समान रूप से घटा कर 7.5 प्रतिशत कर रहे हैं।"

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उन्होंने कहा, "धातुओं का कच्चे माल के लिए इस्तेमाल करने वालों, जिनमें से ज्यादातर एमएसएमई हैं, के लिए मैं इस्पात के कबाड़ (स्टील स्क्रैप) पर 31 मार्च 2022 तक सीमा शुल्क को खत्म कर रही हूं। मैं कई इस्पात उत्पादों पर एडीडी (एंटी-डंपिंग ड्यूटी) और सीवीडी (काउंटरवेलिंग ड्यूटी) को भी खत्म कर रही हूं। तांबे को रिसाइकिल करने वालों के लिए भी मैं तांबे के कबाड़ पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर रही हूं।"

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म उद्योगों की परिभाषा बदलने का ऐलान किया। ये परिभाषा कंपनियों की कैपिटल आधार पर बदली जाएगी। 50 लाख रुपए की मौजूदा सीमा से पूंजीगत आधार को बढ़ा कर 2 करोड़ रुपए करके छोटी कंपनियों की परिभाषा को बदला जाएगा। यही नहीं, योग्य उद्यमियों को आपतकाल के समय कर्ज की सुविधा भी मिलेगी। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

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वित्त मंत्री ने इस्पात के पेंच और कुछ प्लास्टिक के सामानों पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की घोषणा भी की।

केंद्र सरकार इस क्षेत्र पर पहले भी काफी बात करती आई है और इसमें नौकरियों बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है। कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि केंद्र सरकार केवल एमएसएमई सेक्टर से ही 5 करोड़ से अधिक रोज़गार के अवसर पैदा करने की योजना बना रही है।

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