कृषि कुंभ : आमदनी पर छलका किसानों का दर्द
कृषि कुंभ पर प्रदेश भर से आए किसानों ने अपनी-अपनी समस्याएं बयां की...
लखनऊ। "किसानों की आमदनी दोगुनी बतायी जा रही है, लेकिन किसान की आय चौथाई भी नहीं रह गई है, जिस तरह से खादें महंगी हो रही है, सबकुछ महंगा हो रहा है, किसान की तो कोई सुनने वाला ही नहीं है, "कृषि कुंभ में आए किसान की बातों में उसका दर्द साफ झलक रहा था।
लखनऊ के तेलीबाग में स्थिग भारतीय गन्ना शोध संस्था (आईआईएसआर) में 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगने वाले कृषि कुंभ में भारत में खेती किसान, पशुपालन, कृषि जुड़े उद्योग, बीज और सीड कंपनियां, बैंक, यूपी सरकार और केंद्र सरकार से जुड़े विभाग और संस्थाएं शामिल हो हुई हैं।
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कानपुर नगर जिले से आए किसान ब्रजेन्द्र ने बताया, "मैं यहां प्रदर्शनी में देखने आया हूं किस तरह से किसानों की आय दोगुनी करने की बात की जा रही है, मैं आलू उत्पादक किसान हूं, खादों के प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, मजदूरी बढ़ रही है। न तो बीज ही सही मिल रहा है, उद्यान विभाग अच्छा बीज नहीं उपलब्ध कराता है, दूसरी संस्थाओं से चार हजार रुपए कुंतल बीज ले रहा हूं। आलू को बेचने की कोई व्यवस्था नहीं है।"
वो आगे कहते हैं, "डीजल कीमत बढ़ रही है, खाद की कीमत कम की जाए, जो तकनीक बतायी जा रही है, वो हमें उपलब्ध करायी जाए।"
कृषि विभाग का दावा है कि कृषि कुंभ किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की दशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जबकि यहां आए किसानों का कुछ और कहना है।
वहीं बाराबंकी से आए किसान पारसनाथ कहते हैं, "हमको यहां पर देखने को मिल रहा है कि पब्लिक पागल की तरह आ रही है और चली जा रही है। हम एक दिन का अपना काम छोड़कर आए वो भी नुकसान हो गया। किसान की आमदनी प्रदर्शनी लगाने से नहीं बढ़ने वाली, किसानों की सबसे बड़ी समस्याएं हैं।"