लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा सिम कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। तय समय सीमा के मुताबिक जो सिम कार्ड फरवरी 2018 तक आधार से लिंक नहीं होंगे उन्हें डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। बता दें कि इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह एक साल के अंदर सौ करोड़ से ज्यादा वर्तमान और आगामी मोबाइल टेलिफोन उपभोक्ताओं की पहचान स्थापित करने की व्यवस्था करे। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सत्यापन के लिए यूजर्स के सिम कार्ड को उनके आधार से लिंक कर दिया जाए।
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मोबाइल सिम वैरिफिकेशन मामले को लेकर केंद्र ने फरवरी में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि एक साल में सभी सिम कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ दिया जाएगा। देश में 90 फीसदी सिम प्री पेड हैं लेकिन अब ऐसा तंत्र लाया जा रहा है जिससे इन मोबाइल सिम को भी आधार से जोड़ा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों के वेरिफिकेशन के लिए क्या तरीका है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस खेहर ने कहा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों की पहचान न हो तो यह धोखाधड़ी से रुपये निकालने के काम में इस्तेमाल हो सकता है। सरकार को जल्द ही पहचान करने की प्रक्रिया करनी चाहिए, वहीं केंद्र की ओर से कहा गया था कि इस मामले में उसे हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट एनजीओ लोकनीति की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और ट्राई को ये निर्देश दिए जाए कि मोबाइल सिम धारकों की पहचान, पता और सभी डिटेल उपलब्ध हों। कोई भी मोबाइल सिम बिना वैरिफिकेशन के न दी जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा था।
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