मुंबई (भाषा)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने आज कहा कि यह शर्मनाक है कि देश और सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 100 वीं जयंती नहीं मना रही है।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी आर्थिक नीतियों में नाकाम रहे हैं और इसलिए वह खुद को गरीबों का मसीहा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी अन्य प्रधानमंत्री की तरह इंदिरा गांधी का भी इस परिप्रेक्ष्य में आंकलन होना चाहिए कि वह प्रधानमंत्री थी और इस पद पर रहते हुए उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया और क्या किया।
चिदंबरम ने कहा, मुझे लगता है कि वह कुछ क्षेत्रों में बहुत सफल रहीं, वह कुछ अन्य में सफल नहीं रहीं और उन्होंने एक गलती की, जिसे बाद में उन्होंने स्वीकार भी किया कि आपातकाल एक गलती थी और मैं यह दोबारा कभी नहीं करुंगी। चिदंबरम ने यहां टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल में एक चर्चा के दौरान यह कहा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और क्रोएशिया में अमेरिका के पूर्व राजदूत पीटर गालब्रेथ ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।
चिदंबरम ने कहा, यह शर्मनाक है कि देश अपनी एकमात्र महिला प्रधानमंत्री की जन्मशती नहीं मना रहा। भारत सरकार उनकी जन्मशती नहीं मना रही है, मैं नहीं जानता कि किस राज्य सरकार ने उनकी जन्म शती मनाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसे अपने तरीके से कर रही है लेकिन देश इंदिरा गांधी की जन्मशती को नहीं मना रहा। ऐसा लगता है कि यह बहुत कुछ उसी तरह है, जैसे रुस ने रुसी क्रांति का शताब्दी वर्ष भुला दिया।
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चिदंबरम ने कहा कि सत्ता में आने से पहले किए वादों को पूरा नहीं करने को लेकर कांग्रेस मोदी की आलोचना जारी रखेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री रोजगार के अवसर पैदा करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी अपनी आर्थिक नीतियों में नाकाम रहे हैं, वह एक महान सुधारक के तौर पर आए, गरीबों का मसीहा बनने की कोशिश की। उन्होंने अपना 10 लाख रुपए का सूट छोड़ दिया और देसी वस्त्र धारण कर लिया। उन्होंने कहा, मैं नहीं जानता कि गरीब किस तरह से प्रतिक्रिया करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, हां, यह कहा जा रहा कि भारत का एक बड़ा हिस्सा मानता है कि वह (मोदी) काम पूरा करेंगे। लेकिन क्या वह रोजगार के अवसर पैदा करने में सफल होंगे या असफल ? हां, सत्ता में आने से पहले किए उनके वादों को लेकर हम उन पर तंज कसेंगे, खासतौर पर इस वादे के लिए कि करीब 15 लाख रुपए भारतीयों के खाते में आएंगे।
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चिदंबरम ने कहा कि उनकी (मोदी की) असफलता या सफलता, 1.2 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की उनकी क्षमता पर निर्भर करेगी जो हर साल रोजगार पाने की कतार में जुड जाते हैं। इस मोर्चे पर वह (मोदी) नाकाम रहे हैं, उनके पास और 15 महीने हैं, उसे करने के लिए। देखते हैं, क्या वह कर पाते है।
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