‘तीन तलाक’ पर आम सहमति बनने के बाद ही बनाया जाएगा कोई कानून: नकवी  

Update: 2017-04-14 19:59 GMT
मुख्तार अब्बास नकवी

मुंबई (भाषा)। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहां कहा कि मुस्लिमों में तीन बार तलाक तलाक बोल कर तलाक दे देने के चलन पर कानून तभी बनाया जाएगा जब सभी पक्षों में आम राय बन जाए।

हज हाउस में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए नकवी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘तीन तलाक एक गंभीर मुद्दा है। जो लोग गंभीर नहीं हैं, उन्हें इस पर चल रहे सकारात्मक, रचनात्मक वाद-विवाद को बर्बाद नहीं करना चाहिए। बाहर से नहीं, बल्कि समुदाय के भीतर से ही सुधार की शुरुआत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के अलग-अलग तबकों से ‘तीन तलाक' पर सुझाव आ रहे हैं और सभी पक्षों से चर्चा चल रही है।

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नकवी ने कहा, कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं जबकि कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। यह सब स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है। जहां तक सरकार का सवाल है, हम ‘तीन तलाक' पर कोई भी कानून बनाने से पहले आम सहमति का इंतजार करेंगे। यह अचानक नहीं होगा। प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार जो कुछ करेगी, संविधान के दायरे में करेगी, लेकिन ‘तीन तलाक' पर आम सहमति बनाना हमारे लिए प्राथमिकता है।'' इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि ‘तीन तलाक', ‘निकाह हलाला' और बहुविवाह जैसे चलन का मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक दर्जे और उनकी गरिमा पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है और इससे उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार नहीं मिल पाते हैं।

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