आधार क्रांतिकारी कदम, इससे भ्रष्टाचार समाप्त होगा : अशोक लवासा 

Update: 2017-03-29 18:21 GMT
आधार कार्ड की प्रतीकात्मक फोटो।

नई दिल्ली (भाषा)। बायोमेट्रिक पहचान कार्यक्रम आधार को कमतर नहीं आंकना चाहिए, क्याेंकि इससे सार्वजनिक खर्च में दक्षता आएगी और भ्रष्टाचार समाप्त होगा। वित्त सचिव अशोक लवासा ने आज यह बात कही।

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देश में रहने वाले 99 प्रतिशत बालिग लोगों को आधार नंबर, यानी 12 अंक की विशिष्ट संख्या आवंटित की जा चुकी है, इससे करीब 84 सरकारी सेवाओं को संबद्ध किया गया है, यह पेंशन और धन स्थानांतरण के लिए एक सत्यापित माध्यम है।

उद्योग मंडल एसोचैम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अशोक लवासा ने कहा कि आधार विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए एकल पहचान प्रमाण बन सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आधार क्रांतिकारी है, इसने जो किया है वैसा दुनिया में कहीं और नहीं हो पाया है, 105 करोड़ लोग हैं जिनकी विशिष्ट पहचान है।''

लंबे समय से विकसित देशों ने अपने नागरिकों को एकल पहचान पत्र दिया है, भारत में आधार इसी तरह के पहचान प्रमाण बनने की दिशा में अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि आधार में कारोबार करने के लिए प्रक्रियाओं में बदलाव की भारी क्षमता है, मुझे लगता है कि आधार के प्लेटफार्म को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए।

लवासा ने कहा कि आधार को प्लेटफार्म के रूप में इस्तेमाल करते हुए सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) जैसी योजनाओं ने भारी सफलता हासिल की है। इससे उल्लेखनीय रूप से प्रभाव डाला है। विश्व बैंक ने अपनी वैश्विक विकास रिपोर्ट 2016 में भी आधार की सराहना की है।

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