कर्जदार कंपनियों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चेताया, बकाए का भुगतान करें अन्यथा दूसरों के हवाले करें कारोबार

Update: 2017-08-31 16:22 GMT
वित्त मंत्री अरुण जेटली।

नई दिल्ली (भाषा)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों का कर्ज लेकर उसे नहीं लौटा पाने वाली निजी कंपनियों के मालिकों से कहा है कि वह अपना बकाया चुकाएं या फिर कारोबार छोड़कर उसका नियंत्रण किसी दूसरे के हवाले कर दें।

भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून के तहत हाल ही में ऐसी 12 बड़ी कर्जदार कंपनियों के खिलाफ दिवाला कार्रवाई शुरू करने का बैंकों को निर्देश दिया है। इन कंपनियों में दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज फंसा हुआ है, यह राशि बैंकों के कुल फंसे कर्ज का एक चौथाई के करीब है। बैंकों से कर्ज लेकर उसे नहीं लौटा पा रहे कुछ और कर्जदारों के खिलाफ भी कारवाई को अधिसूचित किया जा रहा है।

जेटली ने कहा कि सरकार बैंकों को और पूंजी उपलब्ध कराने के लिए तैयार है लेकिन फंसे कर्ज का समाधान सरकार के लिए बड़ी प्राथमिकता है। वित्त मंत्री ने यहां इकोनोमिस्ट सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ' 'दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून के जरिए, मैं समझता हूं कि देश में पहली बार फंसे कर्ज के मामले में सक्रिय कारवाई की जा रही है। ' '

उन्होंने कहा कि फंसे कर्ज का समाधान करने में समय लगेगा। ' 'आप इस मामले में एक झटके में सजर्किल कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। ' '

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकों को पहले ही 70,000 करोड़ रुपए तक पूंजी उपलब्ध करा दी है और उन्हें और पूंजी देने के लिए भी तैयार है, कुछ बैंक बाजार से भी पूंजी जुटा सकते हैं। ' ' हम बैंकिंग क्षेत्र में एकीकरण की कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए भी सक्रियता से काम कर रहे हैं. हमें ज्यादा बैंक नहीं चाहिए, हमें कम लेकिन मजबूत बैंक चाहिए। ' '

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही देश के सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों के बीच विलय प्रक्रिया को तेज करने का फैसला किया ताकि इन बैंकों की कार्यक्षमता और उनमें संचालन को बेहतर बनाया जा सके।

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