खुदरा, निर्माण में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी, आय और रोजगार के बढ़ेंगे अवसर 

Update: 2018-01-10 18:03 GMT
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। 

नई दिल्ली (आईएएनएस)। प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सिंगल ब्रांड खुदरा कारोबार (एसबीआरटी) और निर्माण विकास में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी तथा एयर इंडिया में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी।

केंद्र सरकार ने आज सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी। ये मंजूरी ऑटोमेटिक रूट पर है, मयाने अगर कोई कंपनी निवेश की सारी शर्तें पूरी करती है तो उसे कैबिनेट से मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, निर्माण सेवा गतिविधियों में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी है। इसके लिए सरकारी अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

एयर इंडिया।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके साथ ही विदेशी विमानन कंपनी को एयर इंडिया में 49 फीसदी तक हिस्सेदारी लेने की भी अनुमति दी गई है, हालांकि इसके लिए विदेशी विमानन कंपनी को मंजूरी लेनी होगी।

एयरलाइंस में विदेशी निवेश संबंधी अब तक की नीति के अनुसार अनुसूचित और गैर-अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं के क्षेत्र में काम कर रही भारतीय कंपनियों की चुकता पूंजी में विदेशी विमानन कंपनी 49 फीसदी तक हिस्सेदारी ले सकती हैं लेकिन यह प्रावधान एयर इंडिया पर लागू नहीं था।

विज्ञप्ति में कहा गया है, अब यह तय किया गया है कि इस प्रतिबंध को समाप्त कर दिया जाए और विदेशी विमानन कंपनियों को मंजूरी लेकर एयर इंडिया में 49 फीसदी तक हिस्सेदारी में निवेश की अनुमति दी जाए। नियमों में दी गई इस रियायत के साथ कुछ शर्तें भी रखी गई हैं।

वक्तव्य में कहा गया है कि एयर इंडिया में होने वाला विदेशी निवेश विदेशी विमानन कंपनी सहित प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से 49 फीसदी से अधिक नहीं होगा और कंपनी का मालिकाना बड़ा हिस्सा तथा उसका प्रभावी नियंत्रण किसी भारतीय नागिरक के हाथ में ही होगा।

सरकार का मानना है कि इस फैसले से कारोबार सुगमता बढ़ेगी तथा देश में एफडीआई प्रवाह बढ़ेगा। इससे निवेश बढ़ने के साथ-साथ आय और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसमें आगे स्पष्ट किया गया है कि रीयल एस्टेट ब्रोकिंग सेवाओं को रीयल एस्टेट व्यवसाय नहीं माना जाना चाहिए, इसलिए इस तरह की सेवाएं स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 फीसदी एफडीआई के योग्य हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विदेशी संस्थागत निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को प्राथमिक पूंजी बाजार के जरिए ऊर्जा एक्सचेंज में निवेश की भी अनुमति दे दी। अब तक केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (पावर मार्किट) नियमन 2010 के तहत पंजीकृत पावर एक्सचेंज में स्वत: मंजूरी मार्ग से 49 फीसदी एफडीआई की अनुमति थी। लेकिन इसमें एफआईआई और एफपीआई की खरीदारी केवल द्वितीयक बाजारों तक ही सीमित थी।

क्या है प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) :-

किसी एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कहलाता है। ऐसे निवेश से निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा हासिल हो जाता है जिसमें उसका पैसा लगता है। आमतौर पर माना यह जाता है कि किसी निवेश को (एफडीआई) का दर्जा दिलाने के लिए कम-से-कम कंपनी में विदेशी निवेशक को 10 प्रतिशत शेयर खरीदना पड़ता है। इसके साथ उसे निवेश वाली कंपनी में मताधिकार भी हासिल करना पड़ता है। एफडीआई दो तरह का होता है इनवार्ड और एफडीआई आउटवार्ड।

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