मुखौटा कंपनियों को घेरने की सरकार की योजना 

Update: 2017-07-27 17:01 GMT
आयकर भवन।

नई दिल्ली (भाषा)। आयकर विभाग अब कंपनियों की आडिट रिपोर्ट और उनके आयकर रिटर्न की कुछ विशेष सूचनाओं तथा पैन के आंकड़ें को कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ साझा करेगा। इसके पीछे सरकार का इरादा मुखौटा कंपनियों को घेरने का है।

कारपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले दो वित्त वर्षों का वित्तीय लेखा नहीं देने के लिए 1.62 लाख कंपनियों का पंजीकरण पहले ही रद्द कर दिया है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर प्रधान महानिदेशक (सिस्टम्स) को एमसीए को थोक सूचनाएं देने का निर्देश दिया है। थोक सूचनाओं के तहत कंपनियों का स्थायी खाता संख्या (पैन) का आंकड़ा, उनका आयकर रिटर्न, आडिट रिपोर्ट और बैंकों से प्राप्त वित्तीय लेनदेन का ब्योरा साझा किया जाएगा।

इसके साथ ही कर विभाग पैन चालान पहचान नंबर (सिन) और पैन निदेशक पहचान नंबर (डिन) भी मंत्रालय के साथ साझा करेगा। कंपनी पंजीयक ने 12 जुलाई, 2017 तक कंपनी कानून, 2013 की धारा 248 के तहत 1,62,618 कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। धारा 248 के तहत कंपनी पंजीयक को किसी कंपनी का नाम रजिस्टर से हटाने का अधिकार होता है।

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इनमें से 33,000 कंपनियों का नाम रजिस्टर से मुंबई के कंपनी पंजीयक ने हटाया है। दिल्ली के कंपनी पंजीयक ने 22,863 कंपनियों तथा हैदराबाद के पंजीयक ने 20,588 कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया है।

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