होटल ताज मानसिंह की ई नीलामी कर सकेगा एनडीएमसी, सुप्रीम कोर्ट ने टाटा समूह की याचिका खारिज की

Update: 2017-04-20 13:58 GMT
राष्ट्रीय राजधानी के बीचोंबीच बसे होटल ताज मानसिंह।

नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमसी को राष्ट्रीय राजधानी के बीचोंबीच बसे होटल ताज मानसिंह की ई-नीलामी की आज मंजूरी दे दी। टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) वर्तमान में इसका संचालन कर रही है।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पीसी घोष और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की याचिका को मंजूर कर लिया कि टाटा समूह की कंपनी के पास होटल की ई नीलामी से इनकार करने का अधिकार नहीं हो सकता। पीठ ने हालांकि एनडीएमसी से कहा कि अगर टाटा समूह ई नीलामी में हार जाता है तो वह होटल खाली करने के लिए कंपनी को छह माह का वक्त दे।

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पीठ ने यह भी कहा कि एनडीएमसी को इस ऐतिहासिक संपत्ति की ई नीलामी करते वक्त टाटा समूह की कंपनी आईएचसीएल के बेदाग इतिहास को भी ध्यान में रखना चाहिए। एनडीएमसी ने तीन मार्च को शीर्ष न्यायालय से कहा था कि वह होटल की ई नीलामी करना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट ने होटल की नीलामी मंजूर करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने पर आईएचसीएल से एक सप्ताह के भीतर अपनी आपत्तियां, अगर कोई हों तो उन्हें दाखिल करने के लिए कहा था।

आईएचसीएल ने अपनी याचिका में कहा था कि यह ‘‘स्पष्ट नहीं'' है कि एनडीएमसी उस संपत्ति को नीलाम क्यों करना चाहती है जिसने उसे ‘‘सर्वश्रेष्ठ राजस्व'' दिया है।

कंपनी ने कहा कि एनडीएमसी विशेषज्ञ रिपोर्ट में भी कहा गया है कि अगर होटल को किसी दूसरी पार्टी को नीलाम किया गया तो परिषद ‘‘राजस्व खो'' देगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 21 नवंबर को अपने आदेश में होटल ताज मानसिंह की नीलामी में यथास्थिति बनाए रखने को कहा था। आईएचसीएल ने होटल की नीलामी को हरी झंडी देने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में आठ नवंबर को अपील की थी।

गौरतलब है कि यह एनडीएमसी की संपत्ति है, जिसे आईएचसीएल को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था। पट्टे की यह अवधि 2011 में समाप्त हो गई, जिसके बाद अनेक आधार पर कंपनी को नौ अस्थाई विस्तार दिए जा चुके हैं, जिनमें से तीन एक्टेंशन तो पिछले वर्ष ही दिए गए थे।

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