हैदराबाद (भाषा)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत और साथ ही दुनिया के दूसरे हिस्सों में उच्च शिक्षा में खासकर सार्वजनिक संस्थानों में नई उर्जा भरना एक बडी चुनौती बन गया है।
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उन्होंने कहा कि शिक्षा के बढ़ते खर्च और बाजार से प्रेरित होकर तेजी से दक्षता हासिल करना कुछ ऐसे कारक हैं जो इन संस्थानों के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं।राष्ट्रपति यहां अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय ईफ्लू के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने इस दौरान कहा, ‘‘आजकल भारत एवं दुनिया के दूसरे हिस्सों में खासकर सार्वजनिक संस्थानों में उच्च शिक्षा को बनाए रखना एवं उसमें नई उर्जा डालना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस तरह के संस्थानों में अंदर और बाहर दोनों तरफ से चुनौतियां बनी हुई हैं।''
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