दिल्ली यूनिवर्सिटी की पहल, अब एसिड अटैक विक्टिम्स को दाखिले में मिलेगा आरक्षण

Update: 2017-05-08 19:12 GMT
पांच फीसदी तक मिलेगा आरक्षण

लखनऊ। एसिड अटैक विक्टिम्स और सर्वाइवर के लिए सरकार की ओर से एक अच्छी पहल है। देश की नामी-गिरामी दिल्ली यूनिवर्सिटी में अब एसिड विक्टिम्स भी एडमीशन ले सकते हैं। ये नियम अगले एकेडमिक सेशन से कई कोर्स में लागू होने जा रहा है।

इस फैसले के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी संशोधित डिसबिलिटीज़ एक्ट 2016 को लागू करने वाली देश की पहली यूनिवर्सिटी बन जाएगी। इस एक्ट के अनुसार दिव्यांगों को शिक्षण संस्थानों में तीन से पांच फीसदी आरक्षण मिलेगा।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने पिछले महीने एक नोटिफिकेशन जारी कर सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संशोधित डिसबिलिटीज एक्ट 2016 को लागू करने को कहा जिसमें अब एसिड अटैक विक्टिम भी शामिल होंगी।

इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता और एसिड विक्टिम के लिए बने शीरोज़ कैफे के को-फाउंडर आशीष शुक्ला कहते हैं, ‘ यह एक अच्छा कदम है। इससे विक्टिम का मनोबल बढ़ेगा। इससे पहले अलीगढ़ यूनिवर्सिटी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का संज्ञान लेते हुए एसिड अटैक विक्टिम या सर्ववाइवर का मुफ्त मेडिकल ट्रीटमेंट करने का वादा किया है और नोटिफिकेशन भी जारी किया है।’

आशीष आगे बताते हैं, ‘हालांकि फैसले को लागू करने के साथ ये भी जरूरी होना चाहिए कि सभी जरूरतमंद लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचे। यहां पॉलिसी तो कई हैं लेकिन पॉलिसी का लाभ मिलने की प्रक्रिया बेहद जटिल। एडमिशन प्रक्रिया भी बतानी चाहिए ताकि इच्छुक लोगों के लिए आसानी हो सके। ये देखना होगा कि इसके लिए वे अभ्यर्थियों की पहचान कैसे करेंगे और नियम को लागू किस तरह करेंगे। इस तरह के नियम केवल मेट्रो सिटी तक न रुक कर रहे बल्कि कम लोकप्रिय सरकारी विश्वविद्यालय में भी ये सुविधाएं मिलें।’

दिव्यांग अधिनियम 2016 के तहत अधिकारों के अनुसार, सभी उच्च शिक्षा के सरकारी संस्थानों में और दूसरे संस्थान जिनको वित्तीय सहायता मिलती है, वे अपने यहां कम से कम पांच फीसदी सीट दिव्यांगों के लिए आरक्षित करेंगे। एसिड अटैक सर्ववाइवर्स को बेंचमार्क दिव्यांगता के तहत बौद्धिकता, कमजोर मांसपेशियां, धीमी गति से सीखने वाले श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है।

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