पुष्पेन्द्र वैद्य, कम्युनिटी जर्नलिस्ट
मध्य प्रदेश के एक गाँव के रहने वाले दिव्यांग सत्येंद्र सिंह ने अमेरिका में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है, उनका ये रिकॉर्ड लाखों दिव्यांगों के लिए प्रेरणा का काम करेगा।
ग्वालियर जिले के रहने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया ने अमेरिका में 42 किलोमीटर लंबे कैटलीना चैनल को पार कर नया इतिहास रच दिया है। ऐसा करने के बाद वह एशिया के पहले ऐसे दिव्यांग तैराक बन गए हैं। सत्येंद्र ने 19 अगस्त 2019 सोमवार दोपहर 12 बजे से कैटरीना चैनल में तैराकी शुरू की थी, जो देर रात 1:30 बजे के खत्म हुई। 2017 में स्विमिंग कर देश के पहले पैरा स्वीमर बन चुके हैं।
दोनों पैरों से दिव्यांग इस शख्स का नाम सतेन्द्र सिंह है। इनका हौंसला अच्छे-अच्छों को मात देता रहा है। स्विमिंग में सतेन्द्र इतने एक्सपर्ट हैं कि खतरनाक समुद्री लहरें भी उन्हें डगमगा नहीं पाती।
I m very proud of to share with that the Indian Para Relay Team including successfully crossed the Catalina Channel with the timing of 11 hours 34 minutes today also set up asian record@OfficeOfKNath @pnarahari @jitupatwari @KirenRijiju @DSYWMP @narendramodi @asianparalympic pic.twitter.com/9TAcEam3zB
— Satendra Singh Lohiya (@satendr91697923) August 19, 2019
सत्येंद्र सिंह (32 वर्ष) भिंड जिले के गाता गांव के रहने वाले हैं। तीन साल की उम्र में गलत इलाज के कारण वे अपने दोनों पैर गंवा बैठे। उनके गांव के किनारे ही वेसली नदी बहती है, जिसमें उन्होंने नदी में तैरने की कला को सीखा। वहीं कुछ सालों बाद उनके पिता जमीन, जायदाद बेचकर बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्वालियर आ गए।
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यहां सत्येंद्र ने टेक्निकल तैराकी सीखी और फिर तैराकी को ही अपना हुनर बना लिया। अब वे इंदौर में सरकारी नौकरी कर रहे हैं। सतेन्द्र ने पहले नेशनल तैराकी में बाजी मारी। बाद में मध्यप्रदेश के विक्रम अवार्ड से नवाजे गए।
सत्येंद्र ने गांव कनेक्शन को बताया था "कैटलीना चैनल पार करना बेहद मुश्किल है। दिन में चलने वाली तेज हवाओं से बचने के लिए रात में तैराकी शुरु करनी पड़ती है। इसमें गहराई का भी अंदाज नहीं लगता। आसमान और पानी भी एक दिखाई देते हैं। दिशा भ्रम भी हो जाता है। इसका टेम्प्रेचर भी बदलता रहता है। इसमें हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है। इसके अलावा सी सिकनेस, नोशिया और पानी के बहाव बढ़ने का भी एक बड़ा चैलेंज है। इस तरह की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 8-10 लाख रुपए का खर्च होता है।"
कैटलीना चैनल पार करने पर सतेन्द्र ने एक नया कीर्तिमान रचा है। सतेन्द्र देश के पहले पैरा स्वीमर हैं इसलिए वे कई लोगों में जोश और जज्बा जगा रहे हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए कैटलीना चैनल में लगातार तैराकी करना सबसे मुश्किल काम होता है। इसका टेंपरेचर लगभग 12 डिग्री के आस-पास होता है इसके साथ ही कैटलीना चैनल में खतरनाक मछलियां भी पाई जाती हैं।