पत्नी के मोबाइल फोन की जासूसी करने पर जुर्माना  

Update: 2017-04-21 19:32 GMT
फोटो: इंटरनेट।

कोलकाता (भाषा)। पश्चिम बंगाल में साइबर एडज्युडिकेटर साइबर मामलों में फैसला देने वाले ने एक व्यक्ति को अलग रह रही अपनी पत्नी के मोबाइल कॉल्स और मैसेज की जासूसी करने के लिए 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। राज्य में इस तरह का यह पहला आदेश है।

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राज्य के आईटी सचिव ने अलग रह रही पत्नी के मोबाइल फोन का अवैध तरीके से जासूसी करने के लिए व्यक्ति को मुआवजा देने का आदेश दिया। आईटी सचिव पदेन साइबर एडज्युडिकेटर हैं।व्यक्ति को आनलाइन निजता भंग करने के लिए आईटी कानून 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया।महिला के वकील बिभास चटर्जी ने कहा कि कानून के अनुसार एडज्युडिकेटर अधिकतम पांच करोड रुपए तक मुआवजे का आदेश दे सकते हैं।कल जारी किए गए आदेश में व्यक्ति को 30 दिनों के अंदर महिला को मुआवजा देने को कहा गया है।

महिला ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि उसके पति ने जून 2014 में हावडा सिविल अदालत में याचिका दायर कर तलाक की मांग की थी। दोनों की मई 2013 में ही शादी हुयी थी लेकिन जल्दी ही दोनों के संबंधों में कटुता आ गयी क्योंकि व्यक्ति अपनी पत्नी पर संदेह करता था।महिला के अनुसार जब उनके संबंध अच्छे थे, उस दौरान वह फेसबुक और ईमेल एकाउंट के पासवर्ड साझा करती थी।

महिला ने दावा किया कि एक बार उसके पति ने उसका मोबाइल फोन ले लिया और उसकी जानकारी के बिना ही मोबाइल फोन में एक ‘‘मैलवेयर'' इंस्टाल कर दिया। इसके जरिए वह उस फोन से किए जाने वाले सभी कॉल और मैसेज की जानकारी प्राप्त कर सकता था।जबकि व्यक्ति ने सभी आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया था कि शिकायत गलत तथा प्रेरित है।

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