किसानों के खाते में डाले गये 43,000 करोड़ रुपए: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

Update: 2020-01-31 11:45 GMT

बजट 2020-21 पेश होने से एक दिन पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और कहा कि किसान नि:स्वार्थ रूप से किसानों की सेवा करते हैं इसलिए मेरी सरकार का प्राथमिकताओं में ग्रामीण विकास और किसान हैं।

आगे उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के उद्येश्य से आय केंद्रित प्रणाली विकसित करने की रणनीति पर सरकार काम कर रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत आठ करोड़ से अधिक किसान परिवार के बैंक खातों में 43,000 करोड़ रुपए से अधिक जारी किये गये हैं। सरकार ने एक साथ छह करोड़ किसानों के बैंक खातों में 12,000 करोड़ रुपए भेजकर रिकॉर्ड बनाया है। पीएम किसान योजना के तहत सरकार हर किसानों के बैंक खाते में 6,000 रुपए किसानों के खाते में भेजती है। इस योजना की शुरुआत पिछले साल के अंतरिम बजट में हुई थी। इसय योजना के दायरे में 14.5 करोड़ किसान परिवार आने का अनुमान है।

ई-नाम में 400 मंडियों को जोड़ने की योजना

राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों के लिए ऑनलाइन राष्ट्रीय बाजार ई-नाम का प्रभाव भी दिखने लगा है। लगभग 1.65 करोड़ किसानों और लगभग 1.25 लाख व्यापारियों को इससे जोड़ा जायेगा। 90,000 करोड़ रुपए के व्यापार का लेन-देन हुआ है। ई-नाम का दायरा और बढ़ाने के लिए इसके तहत नये वित्त वर्ष में लगभग 400 मंडियों को और तोड़ा जायेगा। लगभग 450 मंडियों को पहले ही जोड़ा जा चुका है।

दलहन-तिलहन की खरीद में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार खरीफ और रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लगातार बढ़ा रही ताकि किसानों की आय लागत से कम कम डेढ़ गुना ज्यादा मिल सके। दालों और तिलहनों की खरीद में 20 फीसददी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हर साल औसतन 5.5 करोड़ किसान बहुत कम प्रीमियम पर फसल बीमा कवर का लाभ उठा रहे हैं और पिछले तीन वर्षों में 57,000 करोड़ रुपए के किसानों के दावों का निपटान किया गया है।

शहद का निर्यात दोगुने से अधिक

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है और दूसरे विकल्पों पर भी ध्यान दे रही है। शहद के उत्पादन में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और इसका निर्यात भी दोगुना से ज्यादा हुआ है। देश के 50 करोड़ से अधिक पशुधन के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का लक्ष्य है जिसके लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 13,000 करोड़ रुपए की राशि का उपयोग टीकाकरण और दूसरे उपायों से किया जा रहा है। मवेशियों को बीमारी से बचाने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है।

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