राष्ट्र के नाम अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा- आइए मिलकर नए भारत के साथ अब नए जम्मू-कश्मीर और नए लद्दाख का भी निर्माण करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शाम 8 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर आपने हमने पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस नई व्यवस्था से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे जिसकी वजह से उनका विकास नहीं हो पाता था। अब हम अपने प्रयासों से इस बाधा को दूर कर दिया है।
आगे उन्होंने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है। अब देश के सभी नागरिकों के हक और दायित्व समान हैं।
समाज जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है। अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था। उससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी।
आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने में फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। आर्टिकल 370 और 35ए इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान की ओर से एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था।
हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर देश की भलाई के लिए काम करती है। देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे। देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे।
नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें।
जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। केंद्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद अब लद्दाख के लोगों का विकास भारत की प्राथमिकता है। हमें उम्मीद है कि स्थानीय प्रतिनिधियों, लद्दाख और कारगिल की डेवलपमेंट काउंसिल्स के सहयोग से केंद्र सरकार विकास की सभी योजनाएं आप तक पहुंचायेगी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्य संस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने की कोशिश की है। इसी का नतीजा है कि IIT, IIM, एम्स, पावर प्रोजेक्ट्स या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो इन सबके काम में तेजी आई है।
पंचायत, नगरपालिका, महा-नगरपालिका में मतदान नहीं कर सकते थे और ना चुनाव लड़ सकते थे। ये बंटवारे में पाकिस्तान से भारत आए थे। अन्य राज्यों में उन्हें सारे अधिकार हैं, केवल जम्मू-कश्मीर में नहीं है। क्या ये ऐसा ही चलता रहता। कश्मीर के भाइयों-बहनों को एक महत्वपूर्ण बात स्पष्ट करना चाहता हूं।
आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा चुनाव जाएगा, आपके बीच से ही आएगा। जैसे पहले एमएलए होते थे, वैसे भी आएगे ही होंगे। जैसी मंत्रिपरिषद और सीएम होते थे, वैसे ही आगे भी होंगे। पूरा विश्वास है कि इस नई व्यवस्था के तहत हम सब मिलकर आतंकवाद, अलगाववाद से जम्मू-कश्मीर को मुक्त कराएंगे।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैं भरोसा दिलाता हूं कि बहुत ही ईमानदारी और पारदर्शी वातावरण में आपको अपना प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा। जैसे पंचायत चुनाव संपन्न कराए गए, वैसे ही जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी पारदर्शिता के साथ ही होंगे। ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के गठन का काम जल्द करने के लिए भी मैं गवर्नर से आग्रह करूंगा।