IED बम से हुआ पुलवामा में विस्फोट, जानें क्या होता है IED बम?

IED (Improvised Explosive Device) भी एक तरह का बम होता है लेकिन सामान्य बम के मुकाबले यह काफी अलग और विस्फोटक होता है।

Update: 2019-02-15 11:06 GMT

लखनऊ। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने आत्मघाती हमला कर इस घटना को अंजाम दिया। रक्षा सूत्रों के अनुसार इस हमले में फिदायिन आतंकी ने IED बम का प्रयोग किया।

IED (Improvised Explosive Device) भी एक तरह का बम होता है लेकिन सामान्य बम के मुकाबले यह काफी अलग और विस्फोटक होता है। आतंकी IED बम का प्रयोग तब करते हैं जब उन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाना होता है। IED बम के विस्फोट से उस निश्चित जगह पर आग लग जाती है और फिर नुकसान का पैमाना अधिक व्यापक हो जाता है।

IED बम में घातक और आग लगाने वाले केमिकल्स का प्रयोग होता है। आतंकी जानबूझकर सड़क के किनारे IED बम लगाते हैं। जब गाड़ी का पहिया IED बम पर पड़ता है तो विस्फोट होता है और उसके बाद पहियों में आग लग जाती है। IED ब्लास्ट से धुंआ भी बहुत तेज उठता है। IED बम को रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित भी किया जा सकता है।

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में आतंकी ने इसी IED बम का प्रयोग किया। जिसकी वजह से 40 से अधिक जवानों की मौत हो गई। इससे पहले 2016 में हुए पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले में भी आतंकियों ने IED बम का प्रयोग किया था। 2013 के हैदराबाद और 2011 के जम्मू-कश्मीर विस्फोट में भी IED बम का प्रयोग हुआ था। ईराक और अफगानिस्तान में हुए युद्धों में IED बम का खासा प्रयोग हुआ था। आतंकी अमेरिकी सैनिक टुकड़ियों को उड़ाने में इसका प्रयोग करते थे। ISIS के आतंकी हमलों में भी बड़ी मात्रा में IED बम का इस्तेमाल होता है। 

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