जलभराव से पंजाब में धान और कपास की फसल को नुकसान, मुआवजे का इंतजार

Update: 2019-07-30 09:28 GMT

फरीदकोट (पंजाब)। पंजाब में मानसून पहुंचने के बाद एकाएक हुई तेज बारिश किसानों के लिए मुसाबित बन गई। कई दिनों तक हुई बारिश के बाद पंजाब के भटिंडा, फरीदकोट और मुक्तेश्वर समेत कई जिलों के निचले इलाकों में जलभराव हो गया। जिसके चलते सैकड़ों किसानों की कपास (नरमा) और धान की फसल डूब गई।

भटिंडा और फरीदकोट में कई जगह पर खेतों में 3-4 फीट पानी जमा हो गया था। जिसके चलते कपास की ख़ड़ी फसल डूब गई। कई दिनों तक पानी में रहने से उनके पौधे डूब गए। तो कई जगह धान की फसल भी डूब गई। मुक्तेश्वर जिले के में कोटली गांव के पास अपने खेत में भरे पानी को ट्रैक्टर चलित पंप की मदद से निकाल रहे देव सिंह बताते हैं, एक एकड़ बासमती धान में करीब 8 हजार की लागत आई थी, पिछले कई दिनों से खेत में पानी भरा है। फसल का बचना बहुत मुश्किल है। अब तक न कोई पटवारी आया है न कोई दूसरा कृषि विभाग का कर्मचारी। मुनाफा दूर जमा डूब गई।"

देव सिंह के पास खड़े गुरविंदर सिंह ने पास में ही 6 एकड़ जमीन ठेके पर ली थी। जिसके लिए 60 हजार रुपए वो खेत के मालिक को दे चुके है। गुरविंदर बताते हैं, " अगर मुआवजा नहीं मिला तो मेरा बहुत नुकसान हो जाएगा।"

ट्रैक्‍टर की मदद से निकाला जा रहा पानी (तस्‍वीर- अरविंद शुक्‍ला)

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बारिश के पानी से फरीदकोट में भी काफी नुकसान हुआ। फरीदपुर जिले के चैना गांव के किसान फसल को लेकर बहुत परेशान हैं। किसान देव सिंह ने बताया कि बाढ़ के कारण पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो गई लेकिन सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं मिला। इस बाढ़ के कारण धान और कपास की खेती बेकार हो गई। बहुत से लोगों का घर भी बाढ़ में गिर गया। यहां तक की घर के बाहर बने शौचालय तक गिर गए लेकिन सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली।'

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वहीं एक स्‍थानीय किसान ने बताया कि बाढ़ का पानी खारा जिसमें पूरी खड़ी फसल डूब गई थी। खेतों में अधिक पानी होने के कारण सारी फसल चौपट हो गई। इससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। यहां किसानों के पास ना ही किसान बीमा है न ही फसल बीमा।

पानी के कारण फसल खराब होने से किसान हो रहे परेशान (तस्‍वीर- दिति बाजपेई)  

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युवा किसान सुखविंदर सिंह ने बताया कि बारिश के पानी के कारण पूरी फसल बेकार हो गई। यहां त‍क की हमारी सुनवाई भी नहीं होती है। तमाम कोशिश के बाद भी पानी खेतों से बाहर नहीं निकल रहा है। वहीं एक किसान ने बताया कि उनका लगभग 64 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। पूरी फसल नुकसान होने के बाद भी कोई पटवारी या लेखपाल गांव की स्थिति देखने नहीं आया। पंजाब में फसल के नुकसान होने पर उसका कोई बीमा नहीं होता है। ये सारे नुकसान किसान खुद उठाता है।

वहीं बसंत पुरी बताते हैं कि खेतों में पानी लगने से फसल तो खराब हो ही रही है साथ ही हम पानी निकालने के लिए मशीन का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में खेत में लगात लगाने के बाद मशीन में भी डीजल पानी का खर्चा हो रहा है। वहीं एक किसान ने बताया कि उसने ठेके पर 15 एकड़ जमीन ली थी लेकिन अधिक पानी होने के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई।

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