कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए रेलवे 31 जनवरी से आधार बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम करेगा लागू

Update: 2017-11-06 10:46 GMT
बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम 

लखनऊ। देर से आने वालों पर नजर रखने के लिए रेलवे अपने जोन और डिवीजंस में 31 जनवरी तक आधार बेस्ड बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करेगा। रेलवे ने इस बारे में सभी जोनों को 3 नवंबर को एक लेटर भेजा है। रेलवे ऑफिशियल के मुताबिक, सरकार की यह पहल उन अफसरों-वर्कर्स पर नजर रखने की है, जो या तो लेट आते हैं या फिर आते ही नहीं।

पहले कहां लगेंगे होंगे आधार बेस्ड सिस्टम?

आदेश के मुताबिक, सबसे पहले बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम डिविजन, जोन, मेट्रो रेल कोलकाता, रेलवे वर्कशॉप, फैक्ट्रियों, प्रोडक्शन यूनिट्स में नंवबर 30 तक लगाए जाएंगे। दूसरे फेज में रेलवे के ऑफिसों, जिनमें पब्लिक अंडरटेकिंग वाले दफ्तर भी शामिल हैं।यहां भी आधार बेस्ड सिस्टम लगाए जाएंगे।

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क्या असर पड़ेगा इस सिस्टम से?

रेलवे ऑफिशियल ने कहा, "सभी जोनों-डिवीजंस में 31 जनवरी 2018 तक आधार बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम लगने के बाद अधिकारियों और वर्कर्स के लेट आने की समस्या उजागर हो जाएगी।'

निगरानी के लिए और क्या व्यवस्था है?

आदेश के मुताबिक, बायोमेट्रिक सिस्टम एक-दूसरे से जुड़े होने चाहिए और व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि इनकी निगरानी डिवीजनल रेलवे मैनेजर के ऑफिस से की जा सके। इसके अलावा बायोमेट्रिक सिस्टम्स में सीसीटीवी कैमरा भी उपलब्ध कराने के निर्देश बोर्ड ने दिए हैं।

अभी कहां ये सिस्टम लागू है?

मौजूदा समय में ये सिस्टम रेलवे बोर्ड और कुछ जोनल हेडक्वॉर्टर्स में लागू है।

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