इन सर्दियों में बनाइए शकरकंद के स्वादिष्ट और पौष्टिक रोट

Update: 2018-10-01 09:17 GMT

शकरकंद का मौसम आने वाला है और जल्द ही बाज़ार में लाल-लाल छिलके वाले शकरकंद दिखने लगेंगे। नवरात्र में तो शकरकंद की भारी मांग रहती है व्रत में खाने के लिए इसी वजह से शकरकंद काफ़ी महंगे भी हो जाते हैं। इसकी खीर, हलवा और चाट तो नवरात्र में सभी बनाते हैं पर अगर हम शकरकंद को और तरीक़ों से भी पकाकर खाएं तो और भी अच्छा रहेगा क्योंकि इसके ढेर सारे फायदे हैं। विटामिन ए, बी-6 और थोड़ा विटामिन सी तो शकरकंद में होता ही है, इसके अलावा यह पोटैशियम से भी भरपूर होता है जो उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक है।


शकरकंद की पूरी और शकरकंद के मालपुए बहुत अच्छे बनते हैं। इसकी प्राकृतिक मिठास सभी व्यंजनों को काफ़ी स्वादिष्ट बना देती है। शकरकंद की पूरी काफ़ी नरम बनती है और सूखी आलू की सब्ज़ी या अचार के साथ ख़ूब भाती है पर शकरकंद के रोट कुछ सख़्त होते हैं और नाश्ते के लिए ज़्यादा मुफ़ीद होंगे, ख़ासकर अगर आप इन्हें जैम या शहद के साथ खाएं। अगर आप शकरकंद की पूरी बनाना चाहें तो थोड़ा दूध डालकर इसका आटा गूँधें और अगर रोट बनाना हो तो शकरकंद की नमी से ही आटा गूँध लें।

रोट बनाने के लिए यदि आप इसके बीचों-बीच एक गोल छेद कर देंगे तो यह जल्दी और अच्छी तरह पक जाएगा और गरम गरम खाने पर थोड़ा कुरकुरा भी लगेगा। वैसे ठंडा करके आप यह रोट पिकनिक या सफ़र में भी ले जा सकते हैं क्योंकि ये दो दिनों तक बिलकुल ख़राब नहीं होते।

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शकरकंदी के रोट बनाने की सामग्री

250 ग्राम शकरकंद

100-120 ग्राम गेहूँ का आटा

तलने के लिए शुद्ध घी

शकरकंद के रोट ज़्यादा घी नहीं सोखते पर ध्यान रखें कि उबालते वक़्त शकरकंद को अच्छी तरह धो कर बिना छीले ही कम पानी के साथ उबालें और गरम-गरम ही मसल कर आटा मिला लें। यदि शकरकंद को छील कर या काट कर ज़्यादा पानी के साथ उबालेंगे तो यह बिखर जाता है और आटा गूंध कर तलते वक़्त ज़्यादा घी सोखने लगता है।


यदि आप चाहें तो 1 चम्मच गुड़ डाल लें वैसे तो शकरकंद की मिठास ही काफ़ी है

थोड़ी इलायची या दालचीनी का पाउडर भी स्वादानुसार डाल सकते हैं

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शकरकंदी के रोट बनाने की विधि

शकरकंद को 1/4 कप पानी के साथ उबाल लें और गरम-गरम ही मसल लें। आप चाहें तो शकरकंद का छिलका उबलने के बाद छील कर हटा दें पर छिलके के साथ ही मसलने से शकरकंद की पौष्टिकता बढ़ जाती है।

मसले हुए शकरकंद में धीरे-धीरे आटा मिलाते हुए कड़क आटा गूंधें और छोटी-छोटी गोलियां बना लें। सभी गोलियों को मोटी पूरियों की तरह बेल कर बीच में उंगली से छेद बना लें। आप चाहें तो एक चाक़ू से छोटा सा चीरा भी लगा सकते हैं।

अब घी गरम करके मध्यम आंच पर रोट को लाल होने तक तल लें।

गरम-गरम परोसें या फिर अगर आप इसे पिकनिक या यात्रा के लिये बना रहे हैं तो रोट को ठंडा करके डिब्बे में बंद करके रखें।

स्वाद के साथ साथ सेहत के लिए भी अच्छे हैं ये रोट और इन्हें मधुमेह के रोगी भी खा सकते हैं। बिना चीनी के इन शकरकंद के रोट की मिठास बिलकुल ही अलग है और पौष्टिक तो है ही।  

(संगीता खन्ना न्यूट्रिशन कोच हैं और फूड इंडस्ट्री में सलाहकार का काम करती हैं। क्षेत्रीय व्यंजनों के फूड फेस्टिवल के आयोजन के अलावा वह देशी-विदेशी व्यंजनों से जुड़े अभिनव प्रयोग करती रहती हैं। वह जानी-मानी फूड राइटर भी हैं। खाने पर उनके healthfooddesivideshi.com और banaraskakhana.com नामके दो ब्लॉग हैं।)

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