लखनऊ। प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के निर्देश पर जिला सहकारी बैंक प्रतापगढ़ की समीक्षा के दौरान शाखा प्रबंधक अम्बुज पाण्डेय गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपी पाए गए। छह लाख 40 हजार रुपये एवं शाखा प्रभारी बृजेश कुमार सिह 7.59 लाख रुपये का गबन एवं 7.50 लाख रुपये के गबन के दोषी पाए गए।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभाशंकर पाण्डेय ने इनके विरुद्ध एफआईआर नहीं दर्ज कराई और न ही प्रकरण को गत दो वर्ष से निस्तारित कराया गया जिससे बैंक को निरन्तर क्षति हुई तथा गबन करने वाले कार्मिकों को इससे श्रय मिलता रहा।
उन्होंने बताया कि जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, प्रतापगढ़ की एक जुलाई 2016 को कुल मांग 6108.37 लाख रुपये थी, जिसके सापेक्ष दिनांक 30 जून, 2017 तक बैंक की वसूली मात्र 448 लाख हजार रुपये ही हुई जो 7.33 प्रतिशत थी। गत वर्ष इसी अवधि में कुल मांग के सापेक्ष वसूली 33.02 प्रतिशत थी। गत वर्ष के सापेक्ष सहकारी देयों की वूसली 25.69 प्रतिशत कम हुई। पाण्डेय द्वारा सहकारी देयों की वसूली में घोर उदासीनता बरती गई जिसका प्रभाव बैंक की स्वाश्रयिता पर पड़ा। बैंक का लाभ वर्ष 2016 में 35 लाख रुपये था, जो वर्ष 2017 में घटकर मात्र 14 लाख 61 हजार रुपये रहा। इस प्रकार 20 लाख 42 हजार रुपये की गिरावट आई, जो घटते व्यवसाय का द्योतक है।
प्रभाशंकर पाण्डेय द्वारा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का सही निर्वहन न करने एवं समय-समय पर निरीक्षण की कोई प्रभावी रणनीति नहीं बनाई गई जिसके कारण बैंक की शाखाओं में गबन/घोटाले होते रहे। इस प्रकार बैंक के आर्थिक हितों को संरक्षित करने में श्री पाण्डेय पूर्ण रुप से असफल रहे। उक्त आरोपों की गम्भीरता के दृष्टिगत बैंक केन्द्रीयित सेवा विनियमावली 1978 के विनियम संख्या-61 प्राविधानों के अन्तर्गत श्री प्रभाशंकर पाण्डेय, सचिव/मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जिला सहकारी बैंक लि0, प्रतापगढ़ को निलम्बित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारम्भ की गई है।
सहकारिता मंत्री ने प्रदेश के सभी जिला सहकारी बैंकों को भ्रष्टाचार मुक्त कार्यपद्धति की नीति अपनाते हुए प्रदेश की जनता के हित में कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि जिला सहकारी बैंकों में किसानों एवं निक्षेवकर्ताओं की जमा धनराशि का उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड के दिशा-निर्देंशों के अनुसार किया जए। उन्होंने सहकारिता विभाग के सभी अधिकारियों को किसानों एवं निक्षेपकर्ताओं का हित देखते हुए कार्य करने का आवाह्न किया है।