मजदूरों का रेल टिकट खर्च उठाने को तैयार कांग्रेस, रेल मंत्रालय ने कहा – प्रवासियों को कोई टिकट नहीं बेच रहा रेलवे
दूसरे राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिये घर लौट रहे मजदूरों से टिकट का किराया वसूलने की ख़बरें सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए बड़ा फैसला लिया है।
दूसरे राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिये घर लौट रहे मजदूरों से टिकट का किराया वसूलने की ख़बरें सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए बड़ा फैसला लिया है। सोनिया गाँधी ने कहा कि कांग्रेस मजदूरों की घर वापसी के लिए टिकट का खर्च खुद वहन करेगी और उनके हित में हर जरूरी कदम उठाएगी। इधर समाचार एजेंसी एएनआई ने रेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा है कि रेलवे प्रवासियों को कोई भी टिकट नहीं बेच रहा है।
एक दिन पहले तीन मई को भिवंडी से गोरखपुर के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गयी। मगर इस ट्रेन में 90 सीटें खाली ही रह गईं क्योंकि मजदूरों के पास टिकट खरीदने का पैसा नहीं था। ऐसे में करीब 100 मजदूर अपने घर वापस नहीं जा पाए और रेलवे स्टेशन से वापस लौट गए। इसके अलावा दूसरे राज्यों से भी मजदूरों से टिकट वसूले जाने की ख़बरें सामने आईं।
भिवंडी से गोरखपुर के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई. इसमें करीब 90 सीटें खाली रह गईं. स्टेशन पहुंचे 100 मजदूरों को ट्रेन में नहीं बैठने दिया गया क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे.
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) May 4, 2020
ट्रेन का नाम श्रमिक स्पेशल, लेकिन श्रमिक तभी जा सकता है, जब वह किराया अदा करेगा.
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बयान जारी करते हुए कहा, "कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक और कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी।"
सोनिया गाँधी ने कहा, "श्रमिक और कामगार देश की रीढ़ हैं, सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक घर वापस लौटने से वंचित हो गए। 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक और कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए।"
"न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन। उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी। पर देश और सरकार का कर्तव्य क्या है?," सोनिया गाँधी ने कहा, "आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा।"
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
सोनिया गाँधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फण्ड में 151 करोड़ रुपए दे सकता है तो फिर तरक्की के ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में नि:शुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "दु:ख की बात है कि भारत सरकार और रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं। इसलिए कांग्रेस ने ये फैसला लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद मजदूर के घर लौटने की रेल यात्रा की टिकट का खर्च वहन करेगी।"
इधर समाचार एजेंसी एएनआई ने रेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा है कि रेलवे प्रवासियों को कोई भी टिकट नहीं बेच रहा है। रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो रेलवे द्वारा की जाने वाली कुल लागत का महज 15 प्रतिशत है। रेलवे ने केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई सूचियों के आधार पर यात्रियों को ट्रेनें में यात्रा की अनुमति दी है।"
Railways is charging only standard fare for this class from State Governments which is just 15% of the total cost incurred by Railways. Railways is not selling any tickets to migrants and is only boarding passengers based on lists provided by States: Railway Ministry Sources https://t.co/TiPKcBBTHZ
— ANI (@ANI) May 4, 2020
वहीँ कांग्रेस के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा, "जनसेवा कांग्रेस के खून में है। हम जनमानुष को साथ जोड़ मज़दूरों की घर वापसी को जन आंदोलन बनाएँगे।"
हालाँकि इससे पहले दो मई को रेल मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन्स जारी करते हुए कहा गया कि राज्यों के अनुरोध पर रेलवे की ओर से प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और फँसे प्रवासियों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही हैं। इसके अलावा सभी पैसेंजर ट्रेन निरस्त हैं। ऐसे में इनके अलावा किसी अन्य यात्री को रेलवे स्टेशन नहीं आना चाहिए, किसी भी रेलवे स्टेशन पर टिकट नहीं बेचा जा रहा है।