रिपोर्टर डायरी: माया की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अखिलेश थे गेस्‍ट

Update: 2019-01-12 11:38 GMT

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा और बसपा के बीच गठबंधन हो गया है। पहली बार मायावती और अखिलेश ने गठबंधन को लेकर एक साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस भी की। इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को देखें तो साफ नजर आता है कि इसे मायावती के स्‍टाइल में आयोजित किया गया, जिसमें अखिलेश सिर्फ गेस्‍ट की तरह नजर आए।

क्‍या है माया का प्रेस कॉन्‍फ्रेंस स्‍टाइल

मायावती की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अखिलेश किस तरह से गेस्‍ट नजर आए इसे जानने के लिए हमें यह जानना होगा कि माया का प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने का स्‍टाइल कैसा है। मायावती की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने का अपना एक अलग स्‍टाइल है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि एक हॉल में पत्रकार बैठे रहते हैं, कुछ देर के इंतजार के बाद गेट खुलते हैं और मायावती तेज गती से डायस पर आकर अपना लिखा हुआ नोट पढ़ती हैं। इस दौरान हॉल में पिन ड्रॉप साइलेंस होता है और फिर माया अपना नोट पूरा कर वापस लौट जाती हैं। इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में पत्रकारों से कोई सवाल नहीं लिए जाते, सिर्फ माया बोलती हैं और सब सुनते हैं।


अब बात करते हैं मायावती और अखिलेश की साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में भी एक हॉल में खचा खच पत्रकार भरे हुए हैं। सभी अखिलेश और मायावती की पहली साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को लेकर उत्‍साहित हैं। कुछ देर के इंतजार के बाद दरवाजा खुलता है। पहले मायावती और उनके जरा से पीछे अखिलेश हॉल में दाखिल होते हैं। उनके आते ही गहमागहमी बढ़ जाती है। फोटोग्राफर से लेकर हॉल में मौजूद लोग भी अपने स्‍मार्ट फोन से इस पल की तस्‍वीरें कैद करने में जुट जाते हैं।

मायावती और अखिलेश के बीच गुलदस्‍तों का अदान प्रदान होता है और इसके बाद दोनों अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठ जाते हैं। यहां बता दें, इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस का संचालन बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने संभाल रखा था। सतीश ने सबको बताया कि अब मायावती प्रेस को संबोधित करेंगी और फिर माया अपने अंदाज में लिखा हुआ नोट पढ़ने लगती हैं। इसमें वो तमाम उन बातों को जिक्र करती हैं जिसकी वजह से उन्‍होंने सपा के साथ गठबंधन किया। मायावती यह भी बताना नहीं भूलतीं कि वो पॉइंट टू पॉइंट चीजें साफ कर रही हैं ताकि पत्रकार साथी बाद में कोई सवाल न करें।


पहली बार मायावती की तरह पढ़ कर बोलते दिखे अखिलेश

इसके बाद अखिलेश यादव की बोलने की बारी आई। अखिलेश ने मीडिया के लोगों का आभार व्‍यक्‍त किया और फिर गठबंधन को लेकर बोलना शुरू किया। लेकिन ये क्‍या...? अखिलेश हमेशा की तरह मीडिया को संबोधित नहीं कर रहे थे। वो ठीक मायावती की तरह एक नोट लिख लाए थे, जिसे देख कर पढ़ रहे थे। बता दें, अखिलेश उन नेताओं में गिनती में आते हैं, जो अच्‍छा बोलना जानते हैं। ऐसे में क्‍या वजह रही कि अखिलेश ने लिखा हुआ पढ़ना बेहतर समझा। इसकी पीछे लोग तमाम कयास लगा रहे हैं कि अखिलेश किसी भी तरह से मायावती को कमतर नहीं दिलाना चाहते थे, इस लिए उन्‍होंने इस तरह से मीडिया को संबोधित किया।

पत्रकारों के सवालों से भी बनाई दूरी

अखिलेश के बोलने के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस का संचालन कर रहे सतीश चंद्र मिश्रा ने पत्रकारों के सवाल लेने शुरू किए। चूकि मायावती पत्रकारों के सवाल नहीं लेती आईं हैं, ऐसे में पत्रकारों के बीच उनसे सवाल पूछने की उत्‍सुक्‍ता ज्‍यादा दिखी। मुश्‍किल से एक-दो सवाल पूछे गए, इसके बाद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा- ''मुझे लगता है अब आपके कोई सवाल नहीं बचे। इस लिए प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को खत्‍म किया जाता है।'' बता दें, अखिलेश की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस इसके ठीक उलट होती है। वहां पत्रकार खूब सवाल पूछते हैं और अखिलेश उनका जवाब देते हैं, लेकिन यह पहली बार हुआ कि अखिलेश ने पहले से लिखा हुआ पढ़ा और फिर पत्रकारों के सवाल लिए बिना चले गए। इस वजह से हॉल में ज्‍यादातर लोग कहते नजर आए कि ये प्रेस कॉन्‍फ्रेंस मायावती की थी, जिसमें अखिलेश गेस्‍ट के तौर पर आए थे।  

Similar News