ग्रामीण समस्याओं का समाधान तलाशेंगे आईआईएम इंदौर के छात्र

आईआईएम-आई के छात्रों को इस तरह तैयार किया जायेगा कि वे ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करें और इसके बाद खुद गांव जाकर इनके समाधान खोजने का प्रयास करें

Update: 2019-01-01 08:01 GMT

इंदौर। इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-आई) के नये निदेशक हिमांशु राय ने सोमवार को कहा कि किसानों का कर्ज माफ करना कृषि क्षेत्र के संकट का हालांकि दीर्घकालिक समाधान नहीं है, लेकिन यह कदम अन्नदाताओं को मुश्किल से उबारने के शुरूआती उपायों में जरूर शामिल है।

राय ने बताया कि आईआईएम-आई के छात्रों को इसके लिये तैयार किया जायेगा कि वे ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करें और इसके बाद खुद गांव जाकर इनके समाधान खोजने का प्रयास करें। इस संबंध में संस्थान की ओर से विद्यार्थियों के लिये सुव्यवस्थित कार्यक्रम तैयार किया जायेगा।

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आईआईएम-आई निदेशक ने बताया कि संस्थान में स्थानीय विषयों के साथ मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर शोध को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके जरिये मिले ज्ञान को संबंधित पक्षों के साथ बांटा जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आईआईएम-आई में अंतरराष्ट्रीय अकादमिक सलाहकार बोर्ड का गठन किया जायेगा। इस सलाहकार बोर्ड में अलग-अलग देशों के विश्वविद्यालयों और प्रतष्ठिति संस्थानों के प्रोफेसरों व विद्वानों को शामिल किया जायेगा। इनकी मदद से संस्थान में बेहतर पाठ्यक्रम और शोध कार्यक्रम तैयार किये जायेंगे।

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राय ने यहां मीडिया के एक सवाल पर कहा, "कर्जमाफी हालांकि बुनियादी तौर पर शासन और सरकारी नीतियों से जुड़ा विषय है। हालांकि, मेरी निजी राय है कि किसानों को संकट से उबारने के तरीकों में कर्जमाफी भी शामिल है। लेकिन यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है, क्योंकि हमें (किसानों की दशा सुधारने के लिये) कर्जमाफी के अलावा भी कदम उठाने होंगे।"


आईआईएम-आई के नये निदेशक से पूछा गया था कि क्या वह कर्ज माफी को देश भर में फैले कृषि संकट का स्थायी समाधान मानते हैं ? उन्होंने जवाब दिया, "जिस तरह बुखार के लक्षणों वाले किसी मरीज को तुरंत राहत देने के लिये पहले दवा के रूप में पैरासिटामॉल दिया जाता है और बुखार कम होने के बाद संक्रमण का पता लगाने के लिये उसकी जांच करायी जाती हैं। ठीक इसी तरह, कर्जमाफी जैसे त्वरित कदम भी पैरासिटामॉल की तरह होते हैं। ऐसे कदमों के बाद हमें इसके (कृषि संकट) दीर्घकालिक समाधान खोजने होंगे।"

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आईआईएम-आई के नये निदेशक के रूप में राय के चयन को लेकर मीडिया के एक तबके में सवाल उठाये गये थे कि उन्हें प्रोफेसर के रूप में पढ़ाने का10 वर्ष से कम का अनुभव है। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं वे सभी शर्तें पूरी करता हूं जिनका जिक्र आईआईएम-आई के नये निदेशक की खोज के लिये जारी वज्ञिापन में किया गया था। इस पद पर मेरा चयन तय प्रक्रिया के तहत ही किया गया है।"  

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