SC ने प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का दिया आदेश, कहा- हम ट्वीट की सराहना नहीं करते

Update: 2019-06-11 06:52 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि यूपी सरकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करे, साथ ही राज्य सरकार इस मामले में कानून के अनुसार आगे की कार्यवाही करे।

इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा, ''हम इस तरह के ट्वीट की सराहना नहीं करते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या उसे सलाखों के पीछे रखा जाना चाहिए। हम कार्रवाई को न तो रद्द कर रहे हैं ना ही स्टे कर रहे हैं।'' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्त निचली अदालत तय करेगी। आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

वहीं, जस्‍टिस रास्‍तोगी ने पूछा, प्रशांत की 11 दिन की रिमांड क्यों दी गई है। क्या वह हत्या का आरोपी है? इसपर यूपी सरकार की ओर से ASG विक्रमजीत बनर्जी ने कहा, ''उसके पास इसे चुनौती देने का अधिकार है। ये ट्विट बेहद अपमानजनक थे, हमने IPC 505 भी लगाई है। मजिस्ट्रेट ने रिमांड में भेजा है। इस तरह छोड़ा नहीं जा सकता। ट्वीट बेहद अपमानजनक हैं। इनका असर पड़ता है।''

कोर्ट ने कहा कि, ''वह एक नागरिक है और उसके अधिकार हैं। देश का संविधान जीने का अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी देता है। याचिकाकर्ता के पति को अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। इन अधिकारों के साथ मोल-भाव नहीं हो सकता।''

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