तेलंगाना में ग्रामीण विकास के लिए सरकार पंचायत सम्मेलन कराएगी। पंचायत सम्मेलनों में ग्राम प्रधानों और ग्राम सचिवों को उनके कामकाज के संबंध में जानकारी दी जाएगी। साथ ही उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के बारे में भी बताया जाएगा।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को राज्य के सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें 15 दिन के भीतर पंचायत सम्मेलन आयोजित करने को कहा। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, ''पंचायत सम्मेलन में हम समझाएंगे कि गांवों को कैसे विकसित करना है। इसके बाद गांव में स्थितियों को सुधारने के लिए ग्राम प्रधान और सचिवों को 10 दिन का समय दिया जाएगा। 10 दिन के बाद अधिकारी संबंधित ग्राम पंचायत के कामकाज का निरीक्षण करेंगे। अगर कामकाज सही नहीं पाया गया तो ग्राम प्रधान और सचिवों पर कार्यवाही की जाएगी।''
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि सम्मेलन के बाद राज्य भर के गांवों को औचक निरीक्षण किया जाएगा और इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी जाएगी। खुद मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के मंत्री भी कुछ गांवों में औचक निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान जो गांव बताए गए विकास को हासिल करते दिखेंगे, उन गांव के प्रतिनिधियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
तेलंगाना में गांवों के विकास के लिए 'पाल्ले प्रगति कार्यक्रम' चलाया गया था। तेलंगाना में पाल्ले का मतलब ग्रामीण क्षेत्र होता है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि स्वच्छ और हरे गांवों के उद्देश्य से पाल्ले प्रगति कार्यक्रम को बिना विराम दिए जारी रखना चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कार्यक्रम के तहत शुरू किए गए सभी कार्य बिना किसी व्यवधान के जारी रहें। पाल्ले प्रगति कार्यक्रम के तहत गांवों में वृक्षारोपण, स्वच्छता कार्यक्रम, कचरे का प्रबंधन और पानी के लिए कुओं की खुदाई जैसे काम होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना राज्य को ग्रामीण विकास के लिए एक उदाहरण के रूप में स्थापित करना है। हमारे राज्य में देश में सबसे ज्यादा मॉडल गांव होने चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम जिला कलेक्टरों के पास विशेष निधि के रूप में 1 करोड़ रुपये रखेंगे, ताकि वे ऐसे काम कर सकें जो उनके ध्यान में आते हैं।' उन्होंने कचरा उठाने और पौधों को पानी देने की व्यवस्था करने के अलावा हर गांव में डंपिंग यार्ड और श्मशान के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया।