अब भारतीय रेल सैटेलाइट के जरिए रखेगा अपनी संपत्ति पर नजर

Update: 2018-03-25 10:51 GMT
साभार: इंटरनेट।

अब रेलवे की जमीनों और स्टेशनों के आसपास कब्जा करना मुश्किल होगा, क्योंकि रेलवे की संपत्तियों की निगरानी सैटेलाइट के जरिए होगी। इसके लिए रेलवे और इसरो के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं। जिसे मूर्तरुप देने के लिए रेलवे ने सभी मंडलों को सभी संपत्तियों का डाटा संकलन करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके अनुपालन में बिलासपुर जोन के मंडल संपत्तियों का व्यौरा जुटाने में लगे हुए हैं।

रेलवे के मुताबिक प्रत्येक मंडल में एक कंट्रोल रुम भी स्थापित किया जाएगा। जहां रेलवे के अधिकारी सभी संपत्तियों की जानकारी मुख्य कंट्रोल रूम को देंगे। इसके जरिए इसरो के पास पूरी जानकारी भेजी जाएगी, जहां चिन्हित स्थानों को सैटेलाइट में फीड किया जाएगा।

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विकसित होगा जीआईएस पोर्टल

रेलवे की सभी संपत्तियों का खाका तैयार किए जाने के बाद जीआईएस पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पूरी तरह से जीपीएस प्रणाली पर आधारित होगा। इसका कार्य जोरशोर से चल रहा है। बरहाल प्रगति के लिहाज से कार्य सन 2018 दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है। इसके लिए सीआरआइएस (सेंटर फॉर रेलवे इनफर्मेशन सिस्टम्स) एप्लीकेशन तैयार करने में लगा है।

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निगरानी तंत्र होगा मजबूत

भारतीय रेलवे ने संपत्तियों की निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। बताए गए मैपिंग के हिसाब से सैटेलाइट में चिहृनित स्थान अपलोड होगा। जिससे 24 घंटे उन पर नजर रखी जाएगी। इसमें रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। वहीं इसके अलावा ट्रैकों पर भी नजर रखेंगे। ताकि ट्रैक और सिग्नल उपकरणों की खामी को पकड़ा जा सके।

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