17 अप्रैल, आज का इतिहासः इंडोनेशिया में ज्वालामुखी से बरसी थी मौत की आफत

मबवा द्वीप के तमबोरा ज्वालामुखी में पांच अप्रैल, 1985 को अचानक से कंपन होने लगा था। लगभग 12 दिन बाद इसमें 17 अप्रैल को इसमें भयंकर विस्फोट हुआ। जिसकी वजह से करीब एक लाख लोग मारे गए थे।

Update: 2019-04-17 06:31 GMT

लखनऊ। इंडोनेशिया के इतिहास में 17 अप्रैल का दिन को किसी बुरे सपने की तरह याद किया जाता है। 17 अु्पैल, 1815 को सैकड़ों साल से सोए हुए एक ज्वालामुखी में अचानक से विस्फोट हो गया था। जिसकी वजह से लगभग एक लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी। सुमबवा द्वीप के तमबोरा ज्वालामुखी में पांच अप्रैल, 1985 को अचानक से कंपन होने लगा था। लगभग 12 दिन बाद इसमें 17 अप्रैल को इसमें भयंकर विस्फोट हुआ। जिसकी वजह से करीब एक लाख लोग मारे गए थे।

1799: भारतीय इतिहास में 17 अप्रैल का काफी महत्व है। इसी दिन से अंग्रेजों ने श्रीरंगपट्टनम की घेराबंदी शुरू की थी। 4 मई को मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की मौत के साथ इसका अंत हुआ था।

1941: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूगोस्लाविया ने जर्मनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।

1946: सीरिया ने फ्रांस से आजादी मिलने की घोषणा की।

1971: मिस्र, लीबिया और सीरिया ने मिल कर यूनाइटेड अरब स्टेट बनाने के लिए एक संघ का गठन किया था।

1972: श्रीलंका के महानतम खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन का जन्म हुआ था। वह वन डे और टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

1975: भारत के दूसरे राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन का निधन।

1977 : स्वतंत्र पार्टी का जनता पार्टी में विलय।

1982 : कनाडा ने संविधान अपनाया।

1982 : अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।

1983 : एसएलवी 3 राकेट ने दूसरे रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की निकट कक्षा में स्थापित किया।

1986 : नीदरलैंड और सिसली के बीच युद्ध की स्थिति को खत्म करने की घोषणा करते हुए शांति बहाल।

1993 : अंतरक्षि यान एसटीएस-56 डिस्कवरी धरती पर वापस लौटा।

(भाषा से इनपुट)




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