पारंपरिक मूल्य व योग अवसाद के उपचार में मददगार : राष्ट्रपति 

Update: 2017-04-07 19:43 GMT
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा कि पारंपरिक भारतीय मूल्य और योग मानसिक रोगों से जूझ रहे लोगों की मदद करने में बेहतर तंत्र बन सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह स्थिति मानसिक स्वास्थ्य विसंगतियों का सबसे सामान्य रूप है। चिकित्सा बिरादरी से उन्होंने पारंपरिक समर्थन तंत्र, सामाजिक समर्थन तंत्र और आध्यात्मिक मान्ययताओं पर फोकस करने की अपील करते हुए सबकी भलाई के वास्ते काम करने को कहा।

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राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (निमहंस) की ओर से कराए गए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय वयस्क आबादी का 5.2 प्रतिशत किसी न किसी रूप में अवसाद का शिकार है। उन्होंने स्वास्थ्य पेशेवरों से अवसाद की चुनौतियों से निपटने के लिए साथ आने को कहा।

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निमकेयर द्वारा आयोजित विश्व स्वास्थ्य दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘परिवार के सदस्यों की ओर से समझने में कमी के कारण अवसाद की समस्या को अक्सर नजरंदाज किया जाता है। मानसिक विकास से जुड़ा सामाजिक कलंक भी भारत में एक बड़ी समस्या है। हालांकि, लोगों ने इन मुद्दों को लेकर बातचीत करना शुरू किया है जिससे बड़ी जागरुकता फैलेगी।''

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